जीडीए में तीन साल से जमे बाबुओं की हिली कुर्सियां

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-05-07 11:18 GMT

सोनू सिंह

गाजियाबाद। सरकारी विभाग की कुर्सियों से बाबुओं का रस्ता फैलीकोल की तरह होता है कि अक्सर छूटता ही नहीं है। गाजियाबाद के विभिन्न सरकारी विभागों में एक ही सीट पर कई कर्मचारी दशकों तक की पारी खेलते हुए देखे गये हैं। अगर अधिकारी सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य कराने वाला आ जाये तो फिर अच्छे से अच्छे जोड़ खुल जाते हैं।

कुछ ऐसा ही जीडीए में भी हुआ है। यहां पर लंबे समय से अपनी कुर्सियों पर जमे आठ कर्मचारियों का स्थानान्तरण अतुल वत्स ने तत्काल प्रभाव से कर दिया है। ये तबादले आशुलिपिक, लिपिक-1 और लिपिक-2 के स्तर पर किये गये है। जीडीए में अचानक एक साथ इतनी सारी कुर्सियों के हिलने से चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जाता है कि इनमें से स्थानान्तरित किये गये कुछ कर्मचारी तो अपनी सीट पर पिछले पांच वर्षों से जमे हुए थे। खास बात यह है कि इनमें से कई कर्मचारी तो अपने दायित्व के अलावा उच्चाधिकारियों के पीए का भी काम देख रहे थे। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अपने आदेशों में आठ कर्मचारियों का स्थानान्तरण किया है। लैटर सचिव, राजेश कुमार सिंह ने तत्काल प्रभाव से आदेशों का पालन कराते हुए लिखा है जिसमें अनुमोदन जीडीए उपाध्यक्ष का है। उपाध्यक्ष कार्यालय में अब लिपिक-1 की जिम्मेदारी राजेश मिश्रा और लिपिक-2 की जिम्मेदारी अमित पाल संभालेंगे।

जीडीए सचिव के आशुलिपिक की जिम्मेदारी शशि बाला जैन और लिपिक - 1 की जिम्मेदारी अजय को दी गई है। अपर सचिव के आशुलिपिक महेन्द्र सिंह चौहान और लिपिक-1 प्रेम शुक्ला को बनाया गया है। ओएसडी-1 का लिपिक योगेन्द्र सिंह और ओएसडी-2 का लिपिक जय भगवान शर्मा को बनाया गया है। वित्त नियंत्रक का लिपिक रामबरन यादव को बनाया गया है। मुख्य अभियन्ता के आशुलिपिक की जिम्मेदारी अब लटूर सिंह संभालेंगे। सीएटीपी के प्रथम लिपिक का कार्यभार दिनेश शर्मा को दिया गया है।

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