अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर सख्ती, सेंटरों पर चस्पा करना होगा डॉक्टर का नाम व फोटो

Update: 2024-08-08 07:23 GMT

सोनू सिंह

गाजियाबाद। जिले में भ्रूण लिंग परीक्षण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से निगरानी को और कड़ा किया जा रहा है। जनपद के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर का नाम फोटो के साथ लगाना होगा।

निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को एक वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ना होगा, जिसमें डॉक्टर के अवकाश पर जाने की सूचना भी ग्रुप पर देनी होगी। इस संबंध में सीएमओ की ओर से सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों को निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों का पालन नहीं करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच के दौरान निर्धारित डॉक्टर (रेडियोलॉजिस्ट) के अलावा अन्य द्वारा जांच होना पाया जाता है। जिले में 374 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हो रहे है। अक्सर किसी न किसी केंद्र पर नियुक्त डॉक्टर छुट्टी पर रहते हैं।

इसके अलावा पिछले दिनों कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें डॉक्टर की गैरमौजूदगी में असिस्टेंट या कोई अन्य मरीजों का अल्ट्रासाउंड करता है। विभाग की ओर से ऐसा पाए जाने पर कई मशीनों को सील भी किया गया है। अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन सभी केंद्रों की निगरानी करना संभव नहीं है। ऐसे में शासन के निर्देश पर सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सीसीटीवी कैमरे लगाने और उनका फोकस अल्ट्रासाउंड रूम के गेट पर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अल्ट्रासाउंड केंद्र के गेट पर डॉक्टर का नाम फोटो सहित लगाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे मरीजों को पता चल सके कि उनका अल्ट्रासाउंड कौन डॉक्टर करेगा।

इसके अलावा जिले के सभी निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को वॉट्सएप ग्रुप पर भी अपनी गतिविधियां अपडेट करनी होगी। इसमें डॉक्टर छुट्टी पर है तो उसकी सूचना भी ग्रुप पर देनी होगी। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि इसके लिए इस संबंध में सभी केंद्रों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इससे लिंग परीक्षण रोकने और अल्ट्रासाउंड मशीनों के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।

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