यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, ड्राइविंग लाइसेंस भी किया जा सकता है रद्द
-इस साल जनवरी से जून तक महज छह महीनों में सड़क हादसों में हुई दस फीसदी का इजाफा
सोनू सिंह
गाजियाबाद। यातायात पुलिस कर्मियों की लाख कोशिशों और नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के जमकर चालान किए जाने के बावजूद गाजियाबाद में सड़क हादसों में कमी होती दिखाई नहीं दे रही। इससे उलट अगर पिछले साल हुए सड़क हादसों पर गौर करें तो इस वर्ष जनवरी से जून के दौरान ही सड़क हादसों में दस फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गाजियाबाद के डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अब और कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। डीएम ने कहा है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस ही निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।
डीएम इंद्र विक्रम सिंह सड़क हादसों को लेकर बेहद खफा दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों की लापरवाही के चलते सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में अब यातायात के नियमों को ताक पर रखने वाले, जैसे बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चलाने, गलत दिशा में वाहन दौड़ाने और बिना सीट बैल्ट पहने ही सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले, लोगों के खिलाफ सख्ती बरतने की जरूरत है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से ऐसे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस तुरंत निरस्त करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पिछले एक साल की तुलना की जाए तो इस वर्ष जनवरी से जून तक महज छह महीनों में ही सड़क हादसों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 24 फीसदी बढ़ गया है। लगातार देखा जा रहा है कि जिला प्रशासन और यातायात पुलिसकर्मियों की तमाम कोशिशों के बाद भी गाजियाबाद में सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही।
डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बैठक में स्कूली वाहनों पर भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल कॉलेजों में लगे वाहनों की नियमित जांच के निर्देश देते हुए कहा कि बिना फिटनेस के ऐसे वाहनों को सड़क पर नहीं दौड़ने देना भी सुनिश्चित करना चाहिए। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश भी दिए। जिला प्रशासन की सख्ती के चलते गाजियाबाद में वाहन दुर्घटनाओं में कमी के साथ ही इनसे होने वाले जान-माल के नुकसान में भी कमी आना तय है।