बांग्लादेश में हिंदू निर्दोष नागरिकों पर अत्याचार रोका जाएः व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान
गाजियाबाद। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन के बाद जिस तरीके से वहां हिंदू नागरिकों पर जुल्म हुआ और निर्दोष अल्पसंख्यक जो 32% से घटकर मात्र 8% रह गए हैं वह अत्यंत अमानवीय और असहनीय है। निर्दोष लोगों को फांसी पर सरेआम उल्टा लटकाया गया। जिस तरीके से बेटियों, युवाओं और बच्चों को निर्दयता से पीटा व कुचला गया है। वह दर्दनाक है, मानवता के नाम पर कलंक है।
ऐसी उम्मीद किसी भी इंसान से नहीं की जा सकती है। हैवानियत की सारी हदें पार हुई हैं। विश्व समुदाय पूरे दुनिया में न केवल घटनाओं का विरोध कर रहा है। जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं। वहीं बांग्लादेश के हिंदू संगठित होकर सड़कों पर आकर पूरी तरह आंदोलन कर रहे हैं। हालत में बदलाव होना चाहिए। भारत सरकार भी इस संबंध में पूरी तरह नजरे बनाए हुए है। भारत बांग्लादेश के बॉर्डर पर खोजी विमान लगाकर सारी घटना पर नजर रख रही है। निश्चित रूप से यह घटनाएं रुकेंगी। वहां की अंतरिम सरकार लूट और अत्याचार रोकने में नाकामयाब हो गई है। नागरिक पैसे-पैसे को मोहताज हो गए हैं। बैंक और एटीएम खाली हो रहे हैं। भारत सरकार से सभी की आस लगी हुई है। शांति और सद्भाव से कट्टरपंथी तालिबानी की सोच नही रुकेगी। पाकिस्तान सरकार का संरक्षण उन्हें मिल रहा है।
यह संयुक्त बयान देने वालों में अशोक कुमार गोयल, सच्चिदानंद शर्मा, कृष्णबीर चौधरी, उपेंद्र गोयल, आर के गोयल, अंब्रीश गोयल, हरीश गर्ग, अशोक अरोड़ा, अशोक (आटे वाले), अजय चोपड़ा, हातम सिंह नागर, धर्मेंद्र सोहेल, संजीव अग्रवाल, आर के आर्य, संजय रस्तोगी, देवेंद्र गिरी, अनिरुद्ध वशिष्ठ, रवि भाटी, रुबी अग्रवाल शामिल हैं।