जनरेटर से निकली चिंगारी... फिर आग का गोला बनी फैक्टरी; बचकर निकले मजदूर की आपबीती

By :  Shashank
Update: 2024-02-26 07:47 GMT

कौशाम्बी जिले के मंझनपुर के भरवारी कस्बे के खल्लाबाद मोहल्ले में रविवार सुबह पटाखा फैक्टरी में विस्फोट होने से मालिक समेत सात लोगों की मौत हो गई। जबकि, आठ मजदूर झुलस गए। एक गिरकर चोटिल हो गया। झुलसे सात लोगों को प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) और एक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 प्रयागराज के मंझनपुर में रोज की तरह फैक्टरी में मजदूर पटाखे बनाने व उनकी पैकिंग में जुटे थे। इसी बीच वहां रखे जनरेटर से एक चिंगारी निकली और फिर धमाके शुरू हो गए। देखते ही देखते फैक्टरी आग का गोला बन गई। कुछ देर में ही सब कुछ जलकर राख हो गया।

एक चिंगारी ने कई जिंदगी छीन ली। यह कहना है पटाखा फैक्टरी से बचकर निकले मजदूर रामनरेश का। अंबहा गांव निवासी रामनरेश ने बताया कि पटाखों के ऑर्डर लगे थे। इसके लिए कई दिन से तैयारी चल रही थी। फैक्टरी में दो कमरे पटाखों से भरे हुए थे।

इसके अलावा चार शेड और बने थे, जिनमें से दो शेड में भी कुछ पटाखे रखे थे। रामनरेश का कहना है कि मैंने गुटखा खा रखा था। इसे थूकने के लिए शेड से बाहर निकलते ही अचानक जनरेटर की चिंगारी बारूद पर गिरी। इससे वहां पर आग लग गई।

कुछ कर पाता, इससे पहले धमाके शुरू हो गए। अपनी जान बचाने के चक्कर में भागा तो गिरकर घायल हो गया। सिर पर चोट लगने के कारण बेसुध हो गया। आसपास के लोग पहुंचे तो उसे उठाकर बाहर ले गए। इसके बाद होश आया।

पटाखा फैक्टरी मालिक के पिता पर एफआईआर

भरवारी के असदुल्ला रोही निवासी पटाखा फैक्टरी मालिक शाहिद अली के पिता शराफत अली के खिलाफ पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और विस्फोटक अधिनियम समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। हादसे में जान गंवाने वाले अंबहा निवासी अशोक पटेल के बेटे विनोद पटेल ने इसकी तहरीर दी है।

खल्लाबाद की जिस फैक्टरी में विस्फोट हुआ, उसमें आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम थे। लेकिन हादसे के बाद सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए। फायर ब्रिगेड के नियमों के अनुरूप पटाखा फैक्टरी में दमकल वाहन पहुंचने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। फैक्टरी का परिसर पूरी तरह खुला होना चाहिए। परिसर में पानी से भरे ड्रम, राख और फायर इंस्ट्रीग्यूशर होने चाहिए।

सीएफओ डॉ. राजीव पांडेय ने बताया कि मौके पर आग बुझाने वाले सिलिंडर के साथ ही वाटर टैंक बालुओं की बोरी आदि के उपाय किए गए थे। एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि पटाखा फैक्टरी का लाइसेंस 2027 तक वैध था।


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