श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: मुकदमे की पैरवी के लिए संतों की निगरानी समिति गठित, हर स्तर पर लड़ाई का फैसला
ट्रस्ट अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने संतों को मामले में अब तक हुई कार्रवाई और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करने की जानकारी दी। राजकीय संग्रहालय में रखी ऐतिहासिक पुस्तकों के बारे में बताया, जिनमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि का इतिहास अंकित है।श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रकरण पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की बैठक में साधु-संतों ने कानूनी लड़ाई में हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्हें अब तक हुई कानूनी लड़ाई के बारे में जानकारी दी गई. मुकदमे की पैरवी के लिए संतों की एक समिति गठित की गई।गुरुवार को रमणरेती मार्ग स्थित हनुमान टेकरी पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संत गोविंदानंद तीर्थ ने कहा कि धार्मिक स्थलों से अवैध कब्जा हटवाने के लिए संत समाज एकजुट रहेगा। ट्रस्ट अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने संतों को मामले में अब तक हुई कार्रवाई और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करने की जानकारी दी। राजकीय संग्रहालय में रखी ऐतिहासिक पुस्तकों के बारे में बताया, जिनमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि का इतिहास अंकित है।
रणनीति तय होगी
आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबी मूर्ति को भी वापस लाना होगा. बैठक में संतों की एक समिति का गठन किया गया, जो इस प्रकरण पर नजर रखेगी और रणनीति तय करेगी. संतों ने इस पर मंथन किया कि क्या साक्ष्य प्रस्तुत किया जाए।
और ये हो गया
पिपद्वाराचार्य बाबा बलरामदास, स्वामी चित्प्रकाशानंद, डॉ. स्वामी आदित्यानंद, कृष्णानंद महाराज, महामंडलेश्वर नवल गिरी, महंत मोहिनी शरण, सत्यमित्रानंद, रमेश शास्त्री, संत दशरथ दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर श्यामसुंदर बृजवासी, सतेंद्र सिंह, सतीश, जीतेंद्र सिंह, ईश्वरचंद्र रावत, अशोक प्रताप सिंह, देवानंद, संत जुगल बाबा आदि मौजूद रहे।