आरटीओ ऑफिस में अधिकारियों की कमी, जनता को दलालों का सहारा

Update: 2025-01-02 08:54 GMT

- अधिकारियों के ऑफिस नहीं पहुंचने पर लोग फंस जाते हैं दलालों के चंगुल में

मोहसिन खान

गाजियाबाद। अगर आप संभागीय परिवहन कार्यालय जा रहे हैं, तो वहां आपके सवालों के जवाब देने के लिए पूछताछ केंद्र पर कोई नहीं मिलेगा। यह हाल तब है जब प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों को समय से कार्यालय पहुंचने और लोगों की समस्याएं सुनने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। शायद गाजियाबाद में संभागीय परिवहन कार्यालय में इन निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इस कारण लोग परेशान होकर दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं।

सुबह के 11 बजे। औद्योगिक क्षेत्र के संभागीय परिवहन कार्यालय के बाहर लोगों की भीड़ लगी थी। बाइक, स्कूटी और चार पहिया वाहनों पर कागज और फाइलें रखकर दलाल बैठे हुए थे। जो भी व्यक्ति कार्यालय की ओर आता, वह उसे अपने पास बुला लेते। इसके बाद लाइसेंस बनाने का सौदा होता। पैसे तय होने पर वे उसका आधार कार्ड लेकर कार्यालय में चले जाते। कुछ लोग ऐसे भी थे जो बिना दलालों से बात किए कार्यालय में जा रहे थे। वे लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया के बारे में पूछताछ केंद्र पर जाते, लेकिन वहां कोई व्यक्ति नहीं मिलता। इसके बाद वे वहां के अन्य स्टाफ से लाइसेंस की प्रक्रिया के बारे में पूछने की कोशिश करते हैं, लेकिन स्टाफ के लोग भी अनसुना कर देते हैं।

मैं आज कार्यालय में नहीं था। लर्निंग लाइसेंस के लिए कार्यालय में आने की जरूरत नहीं है। उसे ऑनलाइन बनवाया जा सकता है। बिना टेस्ट के लाइसेंस नहीं बनता है। राहुल श्रीवास्तव, एआरटीओ, संभागीय परिवहन विभाग।

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