SAF की बेल्ट फेल्ड मशीनगन, एक मिनट में दाग सकती है 600 गोलियां

Update: 2023-07-07 07:17 GMT

कानपुर। कानपुर में लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ) ने सेना, पुलिस और अन्य बलों की जरूरतों को ध्यान में रखकर नई मशीनगन बेल्ट फेल्ड को विकसित करके उत्पादन शुरू कर दिया है। इस साल सौ मशीनगन तैयार करने का लक्ष्य था, जिसे पूरा कर लिया गया है।

दो राज्यों की पुलिस को यह मशीनगन दी जाएगी। यही नहीं, नक्सल प्रभावित राज्यों ने भी इसमें रुचि दिखाई है और आर्डर दिए हैं। सेना ने भी नई मशीनगन का ट्रायल शुरू कर दिया है। इस आधुनिक गन से एक मिनट में 600 गोलियां दागी जा सकेंगी।

एडवांस वेपंस इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड की इकाई लघु शस्त्र निर्माणी में पहली बार नई लाइट मशीनगन बेल्ट फेल्ड का निर्माण किया गया है। सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं। मशीनगन सभी मानकों पर खरी उतरी है। इस मशीनगन में मैग्जीन की जगह गोलियों की लंबी बेल्ट होती है।

वजन में हल्की, मारक क्षमता अधिक

मैग्जीन वाली गन से 30 राउंड ही फायर किए जा सकते हैं। इसके अलावा यह हल्की (नौ किलो 10 ग्राम) भी है। मैगगन और एलएमजी के आधुनिक संस्करण बेल्ट फेल्ड में 200 से 250 राउंड की गोलियों की बेल्ट लगाई जाती है, जिसे और भी बढ़ाया जा सकता है।

नक्सल प्रभावित वाले राज्यों की दी जाएगी

इससे किसी भी अभियान के दौरान गोलियों के खत्म होने की समस्या नहीं होगी और बार-बार मैग्जीन नहीं बदलनी पड़ेगी। एडवांस वेपंस इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राजीव शर्मा ने बताया कि नई मशीनगन को पहले चरण में नक्सल प्रभावित वाले राज्यों की पुलिस को दिया जा रहा है।

नई रिवॉल्वर प्रबल भी जल्द होगी लांच

सेना ने भी इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। आयुध कंपनी की नई रिवॉल्वर प्रबल भी जल्द ही लांच की जाएगी। 50 मीटर तक मार करने वाली यह रिवॉल्वर साइड स्विंग सिलिंडर से खुलेगी। अभी तक इस तरह की रिवॉल्वर कंपनी में नहीं बनती थी। सुरक्षा कारणों से राज्यों के नाम और डिलीवरी के संबंध में जानकारी नहीं दी जा सकती है।

बेल्ट फेल्ड गन की खासियत

कैलिबर 7.62 एमएम

लेंथ 1200 एमएम

रेंज 800 मीटर

रेट ऑफ फायर 600 राउंड पर मिनट

कहीं पर भी की जा सकती है इस्तेमाल

जानकारों ने बताया कि इस मशीनगन में गालियां दागने की रफ्तार बहुत अधिक है। सेना या पुलिस कहीं पर सर्च अभियान कर रही है और वहां पर भीड़ होने की संभावना है, तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। रेंज भी अच्छी है। ऐेसे में पहाड़ों, रेगिस्तान वाले बार्डर पर तैनात सेना के जवान आधुनिक हथियार के जरिये सीमाओं की सुरक्षा कर सकेंगे।

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