RAPIDX: कल देश को मिलेगी पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड रेल, ट्रेन नहीं ये तूफान है, इन खूबियों से है लैस
कल से रैपिड रेल ट्रैक पर दौड़ती हुई दिखाई देगी। रैपिड रेल के चलने से जहां यात्री आसानी के साथ चंद मिनटों में साहिबाबाद से दुहाई तक पहुंच जाएंगे, वहीं लोगों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी। शुक्रवार को नवरात्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैपिड रेल के संचालन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
दरअसल, मार्च-2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली रैपिड रेल (सरायकाले खां से मोदीपुरम) का शिलान्यास किया था। इसके बाद से ही लगातार सरायकाले खां से मेरठ तक निर्माण कार्य जारी है। दुहाई तक ट्रैक रैपिड रेल के संचालन के लिए तैयार है। शुक्रवार से आप रैपिड का सफर कर सकेंगे।
वहीं मेरठ में शताब्दीनगर में डिपो बनाकर ट्रैक निर्माण, स्लैब आदि कार्य किए जा रहे हैं। यहां से सामान को साइट पर ले जाया जाता है। वहीं, दुहाई डिपो में गुजरात से ट्रेलरों में छह कोच के रैक पहुंचाए गए। इन ट्रेन सेट को गुजरात के सांवली में स्थित एल्सटॉम कंपनी के प्लांट से ट्रेलर पर लाद कर सड़क मार्ग द्वारा लाया गया था।
मेट्रो और रैपिड स्टेशन जुड़ने से 50 हजार लोगों को मिलेगी राहत
साहिबाबाद के बाद मेरठ रोड तिराहा रैपिड रेल स्टेशन को सीधे शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए एफओबी का निर्माण किया गया है। रैपिड और मेट्रो स्टेशन के आपस में जुड़ने से करीब 50 हजार लोगों को सीधे राहत मिलेगी। मेरठ से आने वाले लोग बगैर किसी परेशानी के रेड लाइन मेट्रो में चढ़कर जा सकेंगे। दूसरी ओर रेड लाइन से आने वाले यात्री मुरादनगर, मोदीनगर के साथ मेरठ तक बिना स्टेशन से बाहर आए सीधे यात्रा कर सकेंगे।
अभी प्राथमिक खंड पर शुरू होगा संचालन
सबसे पहले प्राथमिक खंड में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर रैपिड लोगों के लिए चलाई जाएगी। इस खंड में सभी काम पूरे होने के बाद पिछले छह महीने से रेल को बिना सवारियों के ही दौड़ाया जा रहा है। इस खंड में पांच स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। ये स्टेशन शाम होते ही तिरंगा लाइटों से जगमग होने लगते हैं। यात्री भी इस ट्रेन पर सवार होने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
इन पांच रुटस पर चलेगी ट्रेन, मिलेगी ये सुविधाएं
इस कॉरिडोर का प्लान रैपिडएक्स प्रोजेक्ट के तहत किया गया है, जिसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की होगी। कंपनी का दावा है कि यह भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी। ये रूट 17 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे।
रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है। ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इस ट्रेन में दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई है।
एक अटेंडेंट भी रेल के भीतर यात्रियों की मदद के लिए मौजूद रहेगा।इस ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है, इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर भी होंगे।
2025 तक दिल्ली से मेरठ तक संचालन का लक्ष्य
2018 में शुरू हुआ ड्रीम प्रोजेक्ट करीब 75 फीसदी पूरा हो चुका है। दिल्ली से मेरठ के बीच 25 स्टेशन बनाए गए हैं। मार्च 2023 में पहले चरण में दुहाई से साहिबाबाद के बीच रेल संचालन होना था। जबकि 2025 में पूरे कॉरिडोर पर संचालन होना है। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद इसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री की राह पिछले कई महीने से देखी जा रही थी।
आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे। एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा, तो रोज 8 लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे। दिल्ली से मेरठ पहुंचने में मात्र एक घंटे का वक्त लगेगा। दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रूट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है।
प्रीमियम श्रेणी के यात्रियों के लिए अलग होगी एंट्री
छह कोच की इस ट्रेन में प्रीमियम श्रेणी के टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए एंट्री अलग होगी। प्लेटफार्म के जिस हिस्से में यह कोच आएगा, उसके सामने यात्रियों के लिए कुर्सियां बिछी होंगी, ताकि ट्रेन का इंतजार करना पड़े तो वह आराम से बैठ सकेंगे। प्लेटफार्म के इस हिस्से में जाने के लिए टोकन या टिकट स्कैन करने से ही एंट्री गेट खुलेगा। इस लाउंज में बैठकर यात्री अपने किसी परिचित के आने का इंतजार कर सकेंगे। स्टैंडर्ड श्रेणी के टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा नहीं होगी।