जेल की रोटी: क्या आपने कभी जेल की रोटी खायी है? कानपुर में अब सिफारिश की जरूरत नहीं, जिला कारागार में आकर खाना खायें
कानपुर जेल में रोटी खाने के लिए अब आपको किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी. महज चंद रुपये खर्च कर आप जिला जेल में बना खाना खा सकते हैं. दरअसल, जेल प्रशासन ने कैदियों को काम दिया है और जेल में बंद कैदियों से मिलने आने वाले लोगों और उनके आसपास के लोगों को उचित मूल्य पर भोजन मिल सकेगा.इसके साथ ही कुछ लोग सिफारिश लेकर आते थे तो कुछ लोग अपनी या बच्चों की कुंडली में जेल दोष बताकर जेल में रोटी खिलाने की गुहार लगाते थे. ऐसे लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए यह पहल शुरू की जा रही है. जिला जेल में कुल 2594 बंदी बंद हैं।इसमें 107 महिलाएं, 14 बच्चे, 166 नाबालिग, 8 विदेशी, बैरक 12 (ए) में 95, बैरक 12 (बी) में 48, अस्पताल के बैरक नंबर 15 में 39, एचएसबी 27 में 9, एनएसए में तीन और शामिल हैं। बाकी पुरुष कैदी हैं. हैं। इन सभी कैदियों के लिए 85 कैदी रसोइया दो शिफ्ट में खाना तैयार करते हैं.
ऐसा उत्तर प्रदेश में पहली बार होगा
जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडे ने बताया कि जिला कारागार में आटा चक्की, बड़ी रसोई और पीएनजी कनेक्शन की सुविधा पहले से ही है। जिलाधिकारी विशाख जी की पहल पर उत्तर प्रदेश में पहली बार जेल में बनी दाल, चावल, रोटी और सब्जी आम लोगों को उचित मूल्य पर मिलेगी.
15 अगस्त से शुरुआत होगी
ताकि जरूरतमंदों और जेल में कैदियों से मिलने आने वाले लोगों को सस्ते दाम पर भोजन मिल सके. साथ ही खाना बनाने वाले कैदियों को भी पारिश्रमिक मिलता रहेगा. इसकी शुरुआत 15 अगस्त से होगी. जिला कारागार में आकर लोग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
कैदियों की मजदूरी दर दोगुनी करने के लिए शासन को पत्र भेजा जायेगा
डॉ. बीडी पांडे जेल की रसोई में लगे कैदी ही अपने साथियों के लिए खाना बनाते थे। बिक्री के लिए भोजन तैयार करने के लिए उनकी मजदूरी भी बढ़ जाएगी। जिला प्रशासन की मंशा सिर्फ कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि वे दोबारा बाहर जाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम न दें.
खाना बनाने के लिए उचित मजदूरी मिलेगी
अभी तक कैदी को रसोई में काम के हिसाब से 25 से 40 रुपये प्रतिदिन दिए जाते थे. अब कैंटीन में खाना बनाने के लिए भी उचित मेहनताना दिया जाएगा। इसके साथ ही खाना बनाने वाले कैदियों की मजदूरी बढ़ाने के लिए भी जल्द ही शासन को पत्र भेजा जाएगा। जिससे उनका पारिश्रमिक दोगुना हो सके।
जेल गेट के बाहर बनाया गया काउंटर
जेल प्रशासन ने जेल गेट के ठीक बगल में भोजन बिक्री की व्यवस्था की है. इसके लिए काउंटर भी तैयार किया गया है. इसके काउंटर से भोजन की बिक्री की जायेगी. फूड काउंटर खुलने के बाद अगर नतीजा अच्छा रहा तो खाना बनाने वाले कैदियों को किसी नामी होटल के शेफ से ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी.
भोजन दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक मिलेगा
जेल अधीक्षक ने बताया कि मैनुअल के अनुसार जेल में कैदियों को सुबह और रात में खाना दिया जाता है. सुबह कैदियों के लिए खाना बनाने के साथ-साथ कैंटीन का खाना भी तैयार किया जाएगा. इसके बाद इसे मशहूर रेस्टोरेंट और होटल की तरह पैक कर कैंटीन काउंटर पर ले जाया जाएगा. पैकिंग सभी अनुमोदित तरीके से दी जाएगी.|