कृषि मंत्री के सामने घिरे अफसर, किसान बोले- बिजली बिल माफ, फिर भी काटे जा रहे नलकूपों के कनेक्शन |

By :  SaumyaV
Update: 2023-11-24 07:57 GMT

किसानों ने बताया कि एक तरफ तो शासन ने एक अप्रैल से नलकूपों का बिजली बिल माफ कर दिया है, दूसरी तरफ बकायेदारी में कनेक्शन काटे जा रहे हैं। अभियंता कहते हैं कि इस संबंध में उनके पास लिखित आदेश नहीं आया है। 

बरेली में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की मौजूदगी में आयोजित रबी गोष्ठी का मंच बृहस्पतिवार को खुली चौपाल में तब्दील रहा। किसानों ने सरकारी घोषणाओं और अफसरों के दावों का सच उजागर किया तो मंच पर अफसरों को तलब कर जवाब मांगा गया। किसानों ने बताया कि एक तरफ तो शासन ने एक अप्रैल से नलकूपों का बिजली बिल माफ कर दिया है, दूसरी तरफ बकायेदारी में कनेक्शन काटे जा रहे हैं। अभियंता कहते हैं कि इस संबंध में उनके पास लिखित आदेश नहीं आया है।

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने इस पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता रणविजय सिंह को मंच पर तलब कर लिया। मुख्य अभियंता सफाई दे रहे थे, तभी नवाबगंज के ग्रेम गांव से आए किसान शिवदयाल बोल पड़े कि '…एक अप्रैल के बाद का बिल भी जुड़कर आ रहा है।' कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि वह लखनऊ जाकर आदेश नहीं जारी होने के मुद्दे को देखेंगे, लेकिन सीएम की घोषणा का पालन अभियंताओं को करना है। 

भारतीय पशुचिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान के सभागार में आयोजित गोष्ठी में आगरा, बरेली व अलीगढ़ मंडल के 12 जिलों से आए किसानों ने प्रतिभाग किया। बताया गया कि पराली प्रबंधन के लिए बरेली की मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की पहल पर विकसित एप की तर्ज पर कृषि विभाग पूरे प्रदेश के लिए एप विकसित करेगा।

कृषि सचिव राजशेखर ने आगरा के मुकाबले बरेली व अलीगढ़ मंडल में फसली ऋण कम वितरित होने पर सवाल उठाया। विशेष सचिव रेशम सुनील कुमार वर्मा, निदेशक उद्यान अतुल सिंह ने भी योजनाओं की जानकारी दी। कृषि मंत्री के विशेष आग्रह पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गोष्ठी का शुभारंभ किया। संचालन उपनिदेशक कृषि अभिनंदन सिंह ने किया।

उत्पादों को बाजार नहीं मिलने का मुद्दा उठा

नवाबगंज के किसान सर्वेश कुमार लैब के अभाव में उत्पादों को बाजार नहीं मिल पाने का मुद्दा उठाया। इस पर कृषि सचिव ने बताया कि जैविक उत्पादों की जांच और प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश में सबसे पहले झांसी और बांदा में प्रयोगशाला स्थापित होगी। आगरा मंडल में मूंगफली के लिए सरकारी क्रय केंद्र खुलेंगे।

2022-23 में हुआ उत्पादन

व 2023-24 का लक्ष्य

फसल पैदावार लक्ष्य

गेहूं 3363 3515

जौ 2.55 2.65

चना 0.25 0.27

मटर 9.99 11.16

मसूर 41.74 54.06

राई, सरसों 149.54 152.76

(सभी आकड़े मीट्रिक टन में)

गोष्ठी में दी गईं प्रमुख जानकारियां

जनवरी के द्वितीय सप्ताह में गो-आधारित खेती के लिए लखनऊ में कार्यशाला होगी।

कृषि विभाग एक ऐसा पोर्टल लांच करेगा, जिसमें खेती में नए प्रयोग कर रहे किसानों की कहानियां होंगी।

15 दिसंबर तक बीज का अनुदान किसानों के खाते में पहुंच जाएगा।

किसान ने कहा- खाद के लिए लाइन अब भी लग रही

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अखिलेश सरकार में खाद के लिए कतार लगती थी और लाठियां पड़ती थीं। हमारी सरकार में सब कुछ बदल रहा है। इसी बीच एक किसान बोल पड़ा- साहब कतार तो अब भी लग रही है। इस पर मंत्री ने पाला बदला। बोले- हम यह नहीं कहते कि सब कुछ ठीक हो गया, लेकिन हम उसे ठीक करने के रास्ते पर हैं। किसानों से सवाल किया- क्या कोई कृषि मंत्री रबी गोष्ठी में आता था। किसानों ने जवाब दिया- नहीं। मंत्री बोले- यही अंतर है हमारी और उनकी कार्यप्रणाली में।

पशु खा रहे फसल, कैसे हो आमदनी दोगुनी

कृषि मंत्री के समक्ष बरेली के शाहपुर डांडी निवासी किसान सीताराम उठ खड़े हुए। बोले- साहब मैं सीताराम... छुट्टा पशु छह बार से फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। आमदनी दोगुनी होने की बात छोड़िए, लागत नहीं निकल पा रही है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने उनको शांत कराने की कोशिश की पर कृषि मंत्री ने मंच पर बुलाकर उनकी बात सुनीं।

मंत्री ने कहा कि सरकार गो आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ा रही है। मगर असली समाधान तभी होगा, जब किसान खुद अपने पशुओं को अपने घर रखना शुरू कर दें। राकेश गंगवार ने जमीन में घुल रहे जहर और जैविक उत्पादों को बाजार नहीं मिल पाने का मु्द्दा उठाया। फिरोजाबाद के बिजेंद्र सिंह ने टेल तक पानी न आने, मथुरा के अशोक कुमार शर्मा ने आगरा कैनाल में जहरीला पानी आने का मुद्दा उठाया। 

Tags:    

Similar News