नोएडा पुलिस ने स्क्रैप माफिया और कारोबार को संरक्षण देने वालों पर कसा शिकंजा
ग्रेटर नोएडा। स्क्रैप माफिया रवि काना की पांच दिन की पुलिस रिमांड सोमवार को खत्म हो गई। पांच दिनों की रिमांड के दौरान उसने कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए है। जिससे पुलिस अधिकारी भी सन्न है। सूत्रों की माने तो रिमांड के दौरान उसने खुलासा किया कि उसके गिरोह के कई सदस्यों ने ग्रेटर नोएडा व अन्य जगह कंपनियों से सरिया लाने वाले कई ट्रक ड्राइवरों की हत्याएं की और उन्हें ठिकाने लगा दिया। अपने रसूक के दम पर मामले को कभी लाइम लाइट में नहीं लाने दिया। लखनऊ के एक शराब माफिया से भी उसके गहरे संबंध थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रिमांड के दौरान रवि काना से उसके काले कारोबार में संरक्षण देने वालों के बारे में सभी सवाल दागे गए। जिसमें उसने बताया कि शुरूआत में उसके कारोबार को किसी का संरक्षण नहीं था लेकिन जैसे-जैसे कारोबार बढऩे लगा उसने अपनी भाभी के राजनैतिक रसूक का फायदा उठाना शुरू किया।
इसके अलावा मीडिया कर्मियों का इस्तेमाल अपने संरक्षणदाताओं के रूप में किया। कुछ मीडिया कर्मियों को उसके गिरोह के खास सदस्य व रिश्तेदार आजाद के माध्यम से पैसा पहुंचाया जाता था। कुछ बड़े मीडिया कर्मियों से उसके सीधे संबंध थे। वह उन्हें सीधे पैसे देता था। इसके अलावा उनका इस्तेमाल अपने पक्ष और कभी-कभी विरोधियों को काबू में करने के लिए उनके माध्यम से खबरे चलवाने का काम कराता था। वर्ष 2015 में एक न्यूज पोर्टल में कुछ मीडिया कर्मियों के कहने पर पैसा लगाया था। सूत्रों के मुताबिक मीडिया कर्मियों के अलावा पुलिस के बड़े अफसरों से लेकर कई थाना प्रभारियों, राजनेताओं तक से संबंध होने और उनके संरक्षण में अपने कारोबार को काफी आगे बढ़ाया था। कुछ बड़े अधिकारियों व नेताओं के कहने पर सरिया के धंधे को छोड़ कर उसने स्क्रैप का धंधा शुरू किया था। पूछताछ में उसने कबूला कि उसने जिले की कई मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर छोटी कंपनियों में मैनेजर व अन्य अधिकारियों को धमका कर स्क्रैप उठाया और उन्हें मोदीनगर के दीपक गुप्ता व गौरव गुप्ता के अलावा गुरूग्राम के राय सिंह तक को बेचा था।
पांच दिन की रिमांड के बाद नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने रवि काना और एक दिन की रिमांड पर आई उसकी कारोबारी पार्टनर काजल को जिला न्यायालय में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया है। पुलिस ने अपने सवालों के जवाब मिलने के बाद रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। जिसकी रिपोर्ट जल्द ही नॉलेज पार्क पुलिस तैयार कर गौतमबुद्ध नगर कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को सौंपेगी। पुलिस की माने तो जल्द ही सवालों के जवाबों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। वहां से परमिशन मिलने के बाद पीपीपी मॉडल पर चले स्क्रैप कारोबार को संरक्षण देने वालों पर शिंकजा कसा जा सकता है।