मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में गाजियाबाद से नहीं बना कोई मंत्री

Update: 2024-06-11 09:39 GMT

नेहा सिंह तोमर

गाजियाबाद। नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर इतिहास बनाया। इसे लेकर जिले के भाजपा के नेताओं में जबरदस्त खुशी दिखी। हालांकि अधिकांश भाजपाई और गाजियाबाद के लोगों में इस बात का मलाल है कि इस बार जिले के सांसद को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इससे पहले पीएम मोदी के दोनों कार्यकाल में सांसद वीके सिंह मंत्री रहे थे। पीएम मोदी ने इस बार एनसीआर में हरियाणा से फरीदाबाद और गुड़गांव के सांसदों को तो मंत्री परिषद में जगह दी लेकिन गाजियाबाद 10 साल बाद इससे महरूम रह गया।

भाजपा का गढ़ माने जाने वाला गाजियाबाद सीट पार्टी के लिए काफी अहम रहा है। यही कारण है कि 2008 में अस्तित्व में आने के बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह यहां से चुनाव मैदान में उतरे और 90000 से अधिक मतों से जीते। उस समय गाजियाबाद के लोगों में इस बात को लेकर खुशी थी कि भाजपा जैसी बड़ी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह जैसा व्यक्तित्व उनका प्रतिनिधित्व कर रहा है। 2014 में राजनाथ सिंह ने गाजियाबाद को छोड़कर लखनऊ से चुनाव लड़ने का फैसला लिया। उनकी जगह जनरल वीके सिंह को टिकट दिया गया। उस समय कुछ लोगों ने काफी विरोध किया लेकिन आम मतदाताओं ने विश्वास जताया और वह 2014 के बाद 2019 में भी जीते। दोनों टर्म में वीके सिंह केंद्रीय मंत्री रहे।

वीके सिंह ने अपने कार्यकाल में कई काम ऐसे किए जिनमें खूब चर्चा हुई। विदेश में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकलने से लेकर रूस और यूक्रेन युद्ध में भी सक्रिय रूप से स्टूडेंट्स को वापस लाने के अभियान शामिल हुए। 2024 के चुनाव में भाजपा ने वीके सिंह की जगह गाजियाबाद शहर विधायक अतुल गर्ग को चुनावी मैदान में उतारा। तमाम विरोध के बावजूद अतुल गर्ग ने 3.36 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीतकर विरोधियों का मुंह बंद कर दिया। इससे उम्मीद जताई जा रही थी कि उन्हें मोदी सरकार में शामिल होने का मौका जरूर मिलेगा। रविवार को देर शाम तक गाजियाबाद के अधिकांश लोग टीवी से देख रहे थे अतुल का नाम पुकारने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिससे लोगों को काफी निराशा हुई।

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