बसेगा नया मेरठ शहर: रैपिड और हाइवे से दिल्ली-नोएडा और गुड़गांव आना-जाना आसान हो जाएगा

Update: 2023-08-03 06:44 GMT

मेरठ शहर में तेजी से निर्माण कार्य जोर पकड़ रहा है और चारों तरफ हाईवे का जाल फैलने के बाद मेरठवासियों को काम के लिए दूसरे शहरों में रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, हापुड तक पहुंच आसान होने के बाद मेडा शहर में ही लोगों की आवास जरूरतों को पूरा करेगा। इसके लिए नया मेरठ शहर बसाया जायेगा. इसे लेकर बुधवार को शहर पहुंची अहमदाबाद की एकिस्टिक एडवाइजरी कॉरपोरेशन की तीन सदस्यीय टीम के साथ मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, कैंट विधायक, रियल एस्टेट डेवलपर्स के बीच मंथन हुआ। इसमें प्राधिकरण की ओर से शहर के चारों ओर जमीन चिह्नित कर निजी डेवलपर्स के माध्यम से कॉलोनियां विकसित कर न्यू मेरठ बसाने पर विचार किया गया।प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने कहा कि शहर के लगातार विस्तार को देखते हुए नई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। शहर के सुनियोजित विकास को लेकर गुजरात से आई टीम से चर्चा की गई।कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि आरआरटीएस का कार्य तेजी से चल रहा है। अगले वर्ष तक इसे मेरठ तक लाने की तैयारी है। ऐसे में काम के सिलसिले में जाने वाले लोग दिल्ली के साथ-साथ गुड़गांव और ग्रेटर नोएडा में भी बस जाएंगे।


जनसंख्या के दबाव के साथ मकानों की जरूरत भी बढ़ने वाली है। बैठक में रेडा अध्यक्ष अशोक गर्ग ने कहा कि सुनियोजित विकास के लिए ठोस योजना की आवश्यकता है। सिटी प्लानर विजय कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में विकास की रूपरेखा पर मंथन हुआ.दिल्ली का सफर अब हो गया आसान. मेरठ में आवास उपलब्ध कराने के लिए सही तरीके से विकास करने पर चर्चा हुई। रेडा के महासचिव कमल ठाकुर ने बताया कि मास्टर प्लान-2031 का क्षेत्रफल दोगुना हो गया है। इसकी सीमा में शहर के अलावा गांव भी आ गए हैं।ऐसे में विस्तारित क्षेत्र में आवश्यकता के अनुरूप टाउनशिप विकसित की जानी चाहिए। एकॉस्टिक एडवाइजरी कॉर्पोरेशन ऑफ अहमदाबाद के जयंत शिंदे, जिग्नेश और अनुज ने सभी से शहर की जरूरत के बारे में पूछा। कॉलोनाइजर उत्कर्ष जैन और अजय ग्रोवर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।




आम आदमी के लिए घर सुलभ होंगे

रेडा कोषाध्यक्ष अतुल गुप्ता ने कहा कि ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर किसानों की जमीन मास्टर प्लान के तहत लेकर विकास प्राधिकरण को काम करना चाहिए। इस व्यवस्था से सुनियोजित विकास होगा और अवैध कालोनियों पर नियंत्रण होगा। शहर के आसपास नया मेरठ बसने से कॉलोनी के मकान भी आम आदमी की जेब में होंगे।

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