मिशन शक्ति: सीएम योगी बोले, हर क्षेत्र में संभावनाएं, उनको समय से चुनने और उस पर सरपट दौड़ने की आवश्यकता

Update: 2023-10-14 13:26 GMT

भारतीय परंपरा में देवी के नौ स्वरूपों में से तीन महत्वपूर्ण पक्षों को लेकर आराधना होती है। इनमें एक देवी का पक्ष सत्य, दूसरा पक्ष ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी के रूप में होता है, जबकि तीसरा पक्ष खुशहाली और ऐश्वर्य के रूप में होता है। आज कार्यक्रम में तीनों देवियों के प्रतीक के रूप में नवरात्रि के एक दिन पहले विशिष्ट अतिथियों पद्मश्री हेमा प्रभा सोतिया, इसरो वैज्ञानिक ऋतु करिधल श्रीवास्तव और एचसीएल की चेयरपर्सन रोशनी नाडर मल्होत्रा को सम्मानित करने का अवसर मिला। वह महिला सशक्तिकरण के रूप में कार्यक्रम में मौजूद हैं। साथ ही इस बात का प्रतीक हैं कि सब कुछ हो सकता है, बस एक सतत प्रयास की आवश्यकता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के सम्मान कार्यक्रम में कहीं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंचासीन तीनों विशिष्ट महिला अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

मिशन शक्ति से महिला संबंधी अपराधों में आई काफी गिरावट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ की बेटी इसरो वैज्ञानिक करिधल श्रीवास्तव का कार्यक्रम में उपस्थित रहना बेटियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उनकी सफलता यह बताती है कि कुछ भी असंभव नहीं है। केवल प्रयास की आवश्यकता है, इसके बाद सफलता आपके पीछे-पीछे घूमती है। सीएम ने कहा कि उत्तर को दक्षिण से जोड़ने का काम कर रहीं पद्मश्री हेमा प्रभा सोफिया ने अपना उद्बोधन भले ही असमिया में दिया हो, लेकिन उनके सारे भाव हर व्यक्ति समझ रहा था। हमारी संवेदनाओं को व्यक्त करने में भाषा बाधक नहीं हो सकती है। उन्होंने हाथ की कारीगरी के माध्यम से अपने हुनर को एक मंच दिया, जो सशक्तिकरण के एक मॉडल को प्रस्तुत करता है। एचसीएल की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा ने सामाजिक कार्यों संग अपने सामर्थ्य से उद्योग को नई ऊचाईयां देकर एक नई कहानी लिखी है। उनकी यह सफलता दर्शाता है कि हर क्षेत्र में संभावनाएं हैं, केवल उन संभावनाओं को समय से चुनने और फिर उस पर सरपट दौड़ने की आवश्यकता है। हमारी सरकार ने वर्ष 2020 में नारी सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन को लेकर मिशन शक्ति की शुरुआत की थी, लेकिन इससे पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला कर्मियों की 20 प्रतिशत भर्ती को सुनिश्चित किया गया था। वर्ष 1947 से लेकर के 2017 तक यूपी पुलिस में महिला कार्मिक दस हजार के आसपास थी, लेकिन यह संख्या आज बढ़कर 40 हजार हो गयी है। इतना ही नहीं उन्हे फील्ड का काम सौंपा जा रहा है, जिसकी वह बखूबी जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। मिशन शक्ति का ही परिणाम है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में काफी गिरावट आई है। साथ ही ऐसे अपराधियों को सर्वाधिक सजा दिलाने वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश बन गया है। 

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