UP ATS का खुलासा: बांग्लादेशियों को भारत में बसा रहे थे तीन आरोपी, विदेश से 20 करोड़ रुपये की फंडिंग भी हुई
देवबंद और वाराणसी एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) की टीम ने बुधवार को देवबंद से पकड़े गए बांग्लादेशी युवकों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। तीनों के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया गया है। जिसके बाद एटीएस की तरफ से प्रेस नोट जारी किया गया। इसमें बताया कि आरोपी मानव तस्करी कर बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाते थे और इनके फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराते थे। इन्हें विदेश से 20 करोड़ की फडिंग भी हुई है। इनके देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के भी सुबूत मिले हैं।
एटीएस के अनुसार, उन्हें सूचना मिली कि प्रदेश में कुछ बांग्लादेशी मानव तस्करी कर रहे हैं, जो बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाने और उनके फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा रहे हैं। इसके बाद वाराणसी और देवबंद एटीएस ने बुधवार को आदिल मोहम्मद असरफी निवासी मीरपुर बांग्लादेश को वाराणसी से गिरफ्तार किया था।
आरोपी ने एटीएस को बताया कि वह मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है, लेकिन वह देवबंद की मदीना कॉलोनी में रह रहे नजीबुल शेख निवासी हलदर पाड़ा गुरानबोस भरतगढ़ थाना बासंती जनपद दक्षिण 24 पश्चिम बंगाल और अबू हुरायरा गाजी निवासी कालूतला रामेश्वरपुर थाना हसनाबाद पश्चिम बंगाल की मदद से भारत आया है। आरोपियों ने उसका फर्जी आधार, पेन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी तैयार कराए हैं। इसके बाद एटीएस बुधवार को देवबंद नजीबुल शेख और अबू हुरायरा को पकड़ा था।
दो विदेशी सिम और तीन मोबाइल फोन बरामद
आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इसके साथ ही बांग्लादेश के दो सिम भी मिले हैं। आरोपियों ने एटीएस को बताया कि वह बांग्लादेश से मानव तस्करी करते हैं। कुछ ही दिन पूर्व बांग्लादेश से एक महिला को भी उन्होंने भारत बुलाया है, जिसे दिल्ली में रखा गया है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि आरोपियों को विदेश से 20 करोड़ की फंडिंग भी हो चुकी है। आरोपी लंबे समय से देवबंद में रह रहे थे। नजीबुल शेख और अबू हुरायरा ने ही पूर्व में पकड़े गए आतंकी मोहम्मद हबीबुल्लाह मिस्बाह के भी फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे।
गृह मंत्रालय को भी भेजी गई रिपोर्ट
जिले में बीते छह माह में एटीएस ने कई संदिग्धों को पकड़ चुकी है। वहीं, पुलिस की ओर से भी पूरी तरह सर्तकता बरती जा रही है। संदिग्धों को पकड़ने के लिए अभियान चल रहा है, जिसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है। जनपद में लगातार हो रही कार्रवाई के बाद स्थानीय पुलिस पूरी तरह एक्शन में है। संदिग्धों की तलाश के लिए जनपद के सभी 21 थानों में पुलिस की स्पेशल टीमें काम कर रही हैं।