काशी से गंगा जमुनी तहजीब का संदेश: मुस्लिम समाज के सहयोग से तालाब ने धरा गंगा का रूप

Update: 2023-10-13 05:52 GMT

मेघा भगत और तुलसी के राम की लीला के अनुष्ठान ने गुरुवार को एक और नया अध्याय जोड़ दिया। पांच सौ वर्षों का इतिहास समेटे हुए लाटभैरव की रामलीला ने काशी से पूरे देश को गंगा जमुनी तहजीब का संदेश भी दिया। मुस्लिम समाज के सहयोग से धनेसरा तालाब ने जब गंगा स्वरूप धरा तो इसके बाद भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा पार की।


गुरुवार को आदि रामलीला लाटभैरव में गुरुवार को श्रीराम घंडईल पार की लीला के लिए मुस्लिम समाज और मेयर अशोक तिवारी की पहल पर धनेसरा तालाब में पर्याप्त पानी का इंतजाम हो गया। इससे लीला का प्रसंग कुशलता पूर्व हो सका। मुस्लिम समाज के लोगों ने तालाब में पानी की कमी को देखते हुए सुबह से ही निजी पंप लगाकर तालाब में पानी भरना शुरू कर दिया था। मेयर अशोक तिवारी को तालाब में पानी कम होने की जानकारी मिली तो उन्होंने जलनिगम के अधिकारियों से बातचीत करके तीन टैंकर पानी तालाब में भरवाया। शाम को रामलीला के प्रसंग में भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी ने घंडईल की लीला को पूर्ण किया। लीला समिति ने मुस्लिम समाज और मेयर के इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया है।

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