वाराणसी में मनोज तिवारी ने बांधा समा: 'फिर आईल सिंगार के बारी नेवता पठवले केडी से पुजारी..' भजन पर झूमे भक्त

Update: 2023-10-10 07:50 GMT

भोजपुरी गायक व दिल्ली के सांसद ने कहा कि मनोज तिवारी ने भक्तों से निवेदन करते हुए कहा कि अब आप लोग बइठ जाइल जा माई के गुणगान सब लोग मिलके कइल जाव। आज हमार काशी के साथ 30 बरिस क सफर पूरा हो गईल हव। अऊर आज हम काली माई के 5108वां गीत सुनावे चढ़ावे सुनावे मनावे खातिर आईल बानी...।

मनोज तिवारी ने देवी गीतों की शुरुआत दोनों हाथ जोड़कर फिर आईल सिंगार के बारी नेवता पठवले केडी से पुजारी कइसे न आई मनोज तिवारी..., काशी काली मठ बा स्थित जहवा लक्ष्मीकुंड बा माई के दुवारी..., आईल भगतन के भारी झुंड बा..., बाड़ी शेर पर सवार रुपवा मनवा मोहत बा..., यह सिद्ध पीठ रहस्यमय मां काली का शृंगार है..., 2024 के चुनाव का भी संकेत देते हुए मनोज तिवारी ने गाया कि जवन आशीषवा मैया मालिनी के दिहलू मोदी जी के दिह मैया उहे आशीषवा ना..., मंदिर अब बनने लगा है..., ममतामई दरबार बा..., हर साल बुलावत रहिया मनोजवा आई बनके सेवकवा..., मैया के मंदिर में तकदीर बदल जाला..., देश-विदेश कतहूं हम जाइ बाकी काली मठ में आईब हो... सहित लोगों की फरमाइश पर अनेक देवी गीत सुनाकर काशी की महिमा का बखान करते हुए और बागेश्वर धाम का जय जयकार लगाकर हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे... से अपने कार्यक्रम को विराम दिया

इसके पूर्व भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा व्यास ने जब काली माई बाड़ी हमरा गांव...की धुन छेड़ी तो श्रोता भी ताल से ताल मिलाने लगे। इसके बाद उन्होंने जीभ लटकल होई मुंड के माला..., निमिया के डार मैया...सुनाकर पूरे माहौल में भक्ति के रंग घोल दिए। मध्य रात्रि तक मां काली के दरबार में सुर, संगीत की गंगा प्रवाहमान होती रही।

सोमवार को लक्सा लक्ष्मीकुंड स्थित प्राचीन काली मठ में तीन दिवसीय संगीत समारोह की अंतिम निशा में माता काली का अड़भंगी शृंगार हुआ। माता काली को पंचामृत स्नान कराकर नूतन वस्त्र आभूषण से सुसज्जित किया। माता को बारा, जायफल के साथ नरमुंड की प्रतीकात्मक माला पहनाकर अड़भंगी शृंगार मंदिर के महंत पं ठाकुर प्रसाद दुबे ने शृंगार किया। आरती प्रधान पुजारी पंडित विकास दुबे काका गुरु ने उतारी। मंदिर परिसर डमरू के निनाद से गूंज रहा था। मध्य रात्रि में भोजपुरी गायक व सांसद डॉ. मनोज तिवारी मृदुल ने जैसे ही मंदिर प्रांगण में आने के लिए सड़क पर उतरे सैकड़ों की संख्या में भक्त उनकी तरफ माला चुनरी लेकर दौड़ पड़े।

सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए मनोज तिवारी ने प्रशंसकों के साथ सेल्फी फोटो खिंचवाई। भक्तों के भारी जनसमूह के कारण मंच तक आने में मनोज तिवारी को काफी समय लग गया रास्ते में डमरू दल के लोगों ने कतार में लगकर डमरू निनाद करते हुए स्वागत में हर हर महादेव का जयघोष किया। प्रधान पुजारी पं विकास दुबे काका गुरु ने मेवे की माला और चुनरी पहनाकर आशीर्वाद दिया। इसके पूर्व प्रांजल ग्रुप के कलाकारों ने पंचनाद की प्रस्तुति से शुभारंभ किया। शांभवी सेठ मांडवी सिंह और अंकिता ने बनारस घराने के कथक के मनोहारी भाव को प्रस्तुत करते हुए शिव वंदना डमरू पाणि शूल पाणि... के साथ कथक की बारीकियां कायदा तिहाई टुकड़ा प्रस्तुत करते हुए देवी भजन मैं आज देखूं आनंद रूप भवानी... से सभी का मन मोह लिया। मानस मर्मज्ञ पं. रमेश पांडेय ने सुमधुर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए जय सियाराम जय सियाराम जय माता दी जय माता दी हर हर महादेव का संकीर्तन करते हुए सभी को झूमने पर विवश कर दिया। अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने कलाकारों का स्वागत किया। संयोजक व संचालक गीतकार कन्हैया दुबे केडी ने किया।


काली मठ की मैया सुख लुटाने वाली...

काली मठ में मध्य रात्रि में डॉ. अमलेश शुक्ला ने काली मठ की मैया सुख लुटाने वाली... कालीमठ की महिमा जग में महान है... विकराल रूप धर के आई मां काली...सुनाया। स्नेहा अवस्थी ने तेरे दर पर आने को जी चाहता है... जय काली जय काली जय काली मां..., कुमार विनीत सिंह ने गणपति राखो मेरी लाज...पेश किया। मध्य रात्रि में अरुण सिंह, बालेश्वर शर्मा के साथ अन्य कलाकारों ने देर रात्रि तक अपनी हाजिरी लगाई।

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