Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith: दो शिक्षकों के भरोसे 120 विद्यार्थियों की 18 कक्षाएं, पढ़ाई का हो रहा नुकसान

Update: 2023-11-16 08:48 GMT

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान और विभाग में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की कक्षाएं नहीं चल पा रही हैं। विभाग की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को तीन बार वर्कलोड की सूचना भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई भी सार्थक पहल नहीं की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन और विभाग की खींचतान में छात्र-छात्राओं का नुकसान हो रहा है। पत्रकारिता संस्थान में एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठ्यक्रम में 60 सीटें हैं। आधी सीटें रेगुलर और आधी स्ववित्तपोषित हैं। इसमें कुल 120 छात्र हैं।

पत्रकारिता विभाग में बीए ऑनर्स मासकॉम, बीए पत्रकारिता व एमए मासकॉम में 700 से अधिक विद्यार्थियों के लिए पांच शिक्षक तैनात हैं। पांच अतिथि अध्यापक के पद रिक्त थे जिसमें से एक पद पर नियुक्ति हुई है। रोजाना 10 थ्योरी और आठ प्रैक्टिकल की कक्षाएं होती हैं। ऐसे में पांच शिक्षकों के भरोसे रोजाना कक्षाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है। यही हाल लगभग पत्रकारिता संस्थान का भी है। दो शिक्षकों के भरोसे 120 विद्यार्थियों की 18 कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसमें 10 थ्योरी और आठ प्रैक्टिकल की हैं। वर्तमान में विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर और एक अतिथि अध्यापक ही कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। इसमें 30 विद्यार्थी स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के तहत हैं और उन्होंने 22 हजार रुपये फीस भी भरी है।

छात्र बोले , कक्षाएं नहीं चलने से होगा नुकसान

छात्र-छात्राओं का कहना है कि नवंबर बीतने को है, लेकिन अभी तक उनकी कक्षाएं नियमित रूप से नहीं चल पा रही हैं। शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को जानकारी दी गई,लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हो सकी है। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि विभाग की तरफ से जो भी सिफारिशें आती हैं उनका तत्काल निराकरण किया जाता है। शिक्षकों की कमी का मामला फिलहाल संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराने के बाद इस दिशा में उचित कार्रवाई की जाएगी।


कुलपति ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, नई शिक्षा नीति पर चर्चा

हात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बुधवार को शिष्टाचार भेंट की। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में कुलपति ने राष्ट्रपति को काशी विद्यापीठ के गौरवमयी अतीत के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कुलपति को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी। कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा के साथ ही चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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