सपा के लिए ख्वाब रही है लखनऊ नगर की सीट, मोहनलालगंज सीट पर दर्ज की चार बार जीत

Update: 2024-03-18 09:43 GMT

लखनऊ की सीट जीतना सपा के लिए सपने सरीखा ही रहा है। हालांकि, पार्टी ने मोहनलालगंज सीट कई बार जीती है। लखनऊ सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन ने भी विजय हासिल की।

कहावत है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की नगर सीट राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। सपा एक समय लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी तक रह चुकी है, लेकिन लखनऊ नगर की सीट उसके लिए अभी तक सपना ही रही है। नगर सीट लखनऊ 1991 के आम चुनाव से लगातार भाजपा के पास है।

इसी दौरान चार अक्तूबर 1992 को सपा का गठन हुआ। मुलायम सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने चरम देखा। यहां तक कि क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजूद सपा एक समय लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी भी रही। इस दौरान यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन ने भी विजय हासिल की।

इस समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह यहां से सांसद हैं। सपा ने भी सीट जीतने के लिए पूरा जोर लगाया। इसके लिए फिल्मी दुनिया का सहारा तक लिया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने 1996 में अभिनेता राज बब्बर को मैदान में उतारा तो वर्ष 1998 में फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली को टिकट दिया। पिछले चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को भी प्रत्याशी बनाया, पर पार्टी भाजपा को टक्कर भी नहीं दे सकी।

मोहनलालगंज सीट पर कभी था दबदबा

राजधानी की नगर सीट पर भले ही सपा झंडा बुलंद नहीं कर सकी हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की मोहनलालगंज सीट पर उसका दबदबा रहा है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से इस सीट पर भाजपा के कौशल किशोर जीत दर्ज कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले यहां सपा का दबदबा रहा है। वर्ष 2009 में सपा की सुशीला सरोज, 2004 में जय प्रकाश, 1999 में रीना चौधरी,1998 में रीना चौधरी ने जीत दर्ज की। इससे पहले 1996 में भाजपा की पूर्णिमा वर्मा और 1991 में भाजपा के ही छोटेलाल ने यहां विजय हासिल की थी। 

Tags:    

Similar News