Lucknow: मालिक को मृत दिखाकर दूसरे के नाम किया मकान, फर्जी प्रमाण पत्र से किया खेल, चार को पांच साल कैद
मकान मालिक को मृत दिखाकर घर दूसरे के नाम ट्रांसफर किए जाने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश ने आवास विकास परिषद के तत्कालीन लेखाकार सुरेश कुमार श्रीवास्तव समेत चार को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है।अदालत ने सुरेश पर 33 हजार और बाकियों पर 28-28 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में शिव शंकर गुप्ता व राजेंद्र श्रीवास्तव को बरी कर दिया।
सरकारी वकील लक्ष्मी पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान सिंचाई विभाग की इंस्पेक्टर महिमा राय ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि जांच में पता चला कि इंदिरानगर में एक मकान राम नरेश को आवंटित हुआ था। आर्थिक स्थिति खराब होने पर वह मकान बेचना चाहते थे। उन्होंने 47,700 रुपये में अर्जुन सिंह नेगी के नाम से विक्रय अनुबंध कर लिया।
आरोप है कि रजिस्ट्री का पैसा बचाने के लिए आवास विकास परिषद इंदिरानगर के लेखाकार सुरेश कुमार ने लाभ लेकर मकान को पवित्रा देवी तथा अर्जुन सिंह नेगी के नाम नामांतरण कराने का आश्वासन दिया। फिर राम नरेश को मृतक बताते हुए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कराकर मकान अर्जुन सिंह की पत्नी पवित्रा देवी के नाम करवा दिया।
इस धोखाधड़ी में शामिल पूर्व आवंटी राम नरेश ने पवित्रा देवी को सगी बहन बताते हुए आवास एवं विकास परिषद में झूठा आवेदन पत्र तथा शपथ पत्र दिया। जांच में मामला सामने आया। कोर्ट ने अर्जुन सिंह नेगी, पवित्रा देवी, सुरेश कुमार श्रीवास्तव के साथ राम नरेश को भी सजा सुनाई।