लखनऊ हिट एंड रन केस: बरामद एसयूवी की हुई फोरेंसिक जांच, मिले खून के धब्बे, बिना डीएल भरते थे फर्राटा
जिस एसयूवी से एएसपी के बेटे नामिश को रौंदा था पुलिस ने उसकी फोरेंसिक जांच कराई। इसमें उसके बोनट व टायर पर खून के धब्बे मिले। फोरेंसिक रिपोर्ट पुलिस को जल्द सौंपी जाएगी। ये बेहद अहम साक्ष्य है। उधर पुलिस की अब तक की तहकीकात में सामने आया है कि दोनों आरोपी बिना ड्राइविंग लाइसेंस के चारपहिया वाहनों में फर्राटा भरते थे। मंगलवार को जब वह गिरफ्तार हुए थे तो आरोपी सार्थक ने दावा किया था कि उसके पास लर्निंग डीएल है, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो सकी। इससे भी इन आरोपियों की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। जल्द ही वाहन का टेक्निकल मुआयना भी कराया जाएगा।
स्केटिंग क्लब और कोच पर केस
हादसे के बाद इलाकाई दुकानदार अशरफ अली ने बुधवार को गोमतीनगर थाने में तहरीर दी कि जनेश्वर मिश्र पार्क के पास व जी-20 मार्ग पर स्केटिंग की जाती है, जिसे काफी दिक्कतें होती हैं। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि तहरीर के आधार पर अवध अकादमी क्लब, उसके कोच दिव्यांश अरोड़ा व गौरव पर धारा 268(ऐसा कृत्य जिससे आम लोगों को दिक्कत हो), धारा 336 (ऐसा कार्य करना जिससे मानव जीवन को खतरा हो) व धारा 283(पब्लिक मार्ग में बाधा उत्पन्न कर व्यक्ति को संकट में डालाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
तीन बाइकर्स दबोचे, बाइकें सीज
जी-20 रोड और जनेश्वर मिश्र पार्क के आसपास बुधवार को पुलिस सक्रिय रही। दोपहर में रेसर बाइक वाले तीन युवकों को पकड़ लिया। मौके पर ये सभी कागज नहीं दिखा पाए। एसीपी गोमतीनगर स्वाती चौधरी ने बताया कि तीनों बाइकों को सीज कर दिया गया है। एसीपी ने बताया कि लगातार इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। जो भी स्टंट करता पाया जाएगा उस सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रफ्तार काबू करने को लगाईं बैरिकेडिंग लगाई
हादसे के बाद पुलिस अपने स्तर से बेहद सक्रिय हो गई है। जी-20 मार्ग पर जगह-जगह पर बैरिकेडिंग लगा दी है, ताकि वाहनों की रफ्तार काबू में रहे और कोई भी फर्राटा न भर सके। एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि इस मार्ग व जनेश्वर मिश्र के मार्ग पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस तरह के हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।
गम में डूबे मां-बाप, जुबां पर बस नामिश का नाम
इकलौते बेटे की मौत से मां श्वेता और पिता अभिनय पूरी तरह से टूट गए हैं। श्वेता की जुबां पर बस नामिश का नाम है। वह यकीन नहीं कर पा रही हैं कि उनके जिगर का टुकड़ा दुनिया में नहीं रहा। उनको लगता है कि नामिश मां कहकर पुकारेगा, पर ये अब कभी संभव नहीं हो पाएगा। बदहवास श्वेता की तबीयत भी बिगड़ गई है। बुधवार को रिश्तेदारों व साथी अफसरों का घर पर तांता लगा रहा। हर कोई उनको ढांढस बंधाता रहा। पूरे मोहल्ले में मातम पसरा है।