साल का अंतिम चंद्रग्रहण: आज आसमान से नहीं बरसेगा अमृत, चंद्र की रोशनी में ना रखें खीर, बरतें ये सावधानी
वर्ष के अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगा रहा है। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी से अमृत की वर्षा होती है। इस दिन खीर बनाकर लोग चंद्रमा की रोशनी में रखते हैं। उसके बाद खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं, लेकिन चंद्रग्रहण के कारण इस बार इससे वंचित रहना पड़ेगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि ऐसा संयोग 30 साल बाद बना है जब शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। चंद्र ग्रहण के लिए सूतक नौ घंटे पहले से लग जाता है। चंद्रग्रहण सूतक शाम 4:05 बजे शुरू हो जाएगा। सूतक काल से लेकर चंद्र ग्रहण तक कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती हैं। ऐसे में इस दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए। इस साल शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग नहीं लगाया जा सकेगा और ना ही पूजा की जा सकेगी, क्योंकि सूतक काल लगने के बाद से ही मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे। हालांकि इस दौरान मंत्रों का जाप और कीर्तन कर सकते हैं।
यह लोग रखें खास ध्यान
- गर्भवती महिलाओं को ना तो चंद्र ग्रहण देखना चाहिए ना ही इस दौरान घर से बाहर निकलना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें। लेकिन मंदिर ना जाएं।
- चंद्र ग्रहण के दौरान पके हुए भोजन और दूध दही जैसी चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। अगर इस दौरान खाने की कोई भी चीज बिना तुलसी पत्ते के रह गई है तो उसका सेवन ना करें।
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने पास एक नारियल रखना चाहिए। माना जाता है कि इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से मां और बच्चे दोनों की रक्षा होती है. बाद में नारियल नदी में विसर्जित कर दें।
- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं
- ज्योतिषविद् के अनुसार चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विन नक्षत्र में लग रहा है, ऐसे में इसके दोष से बचने के लिए इस राशि और नक्षत्र में जन्मे लोगों को भूलकर भी यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
- साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ, वृश्चिक और कुंभ राशि के लोगों के लिए शुभ फलदायी रहेगा तो वहीं मेष, कन्या, तुला, मकर व मीन राशि के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत रहेगी।
- हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए और न ही बुनाई, कताई आदि करना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति, मंदिर आदि का स्पर्श करना मना है लेकिन इस दौरान आप अपने मन में उनका स्मरण, मंत्र का जप आदि कर सकते हैं।
- चंद्र ग्रहण के दौरान ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ मंत्र का जप करें।
- चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद किसी जल तीर्थ पर जाकर अथवा घर में पानी में गंगा जल डालकर स्नान तथा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करना चाहिए।