कानपुर — इलाज के दौरान मेडिकल छात्रा की मौत पिता ने दर्ज कराया मुक़दमा , पुलिस बोली जाँच कर करेंगे कार्यवाही

Update: 2023-06-21 10:57 GMT

कानपुर में बुधवार को MBBS की छात्रा तान्या ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह पिछले 6 दिन से हैलट अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। बेटी की मौत के बाद पिता का पहला बयान सामने आया है। पिता का आरोप है कि बेटी ने सुसाइड किया है।वह दाहिने हाथ से हैंडीकैप थी।उसके पांचों उंगलियां जन्म से ही नहीं थी। सीनियर उसे चिढ़ाते थे। वह कहते कि तू डॉक्टर कैसे बन पाएगी। जब तू तो इंजेक्शन ही नहीं लगा पाएगी। इतना ही नही रैगिंग के चलते उसके बाल भी कटवा दिए थे ,इन सब बातों को लेकर बेटी  बेहद परेशान रहती थी। पिता के मुताबिक, मौत से पहले यह बात बेटी ने उन्हें बताई थी। पिता ने स्वरूप नगर थाना प्रभारी राजेश वर्मा को तहरीर देकर FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। शहर के किदवई नगर वाई-1 ब्लॉक में रहने वाले दरोगा नरेंद्र सिंह की बेटी तान्या (23) गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) से MBBS सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। बीती  17 जून को उसे दो युवकों ने गंभीर हालत में हैलट के इमरजेंसी में भर्ती कराया था। लेकिन पूछताछ होने पर भाग खड़े हुए थे , बाद में पता चला था कि युवती मेडिकल कॉलेज की ही छात्रा है। मेडिकल कॉलेज की छात्रा होने के चलते उसे बचाने के लिए प्रिंसिपल डॉ. संजय काला खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। इसके साथ ही छात्रा का इलाज मेडिसिन विभाग के डॉ. एमपी सिंह और डॉ. बीपी प्रियदर्शी कर रहे थे।डॉक्टरों के मुताबिक, छात्रा के टॉयलेट क्लीनर पीने से आंतों में जख्म हो गए थे। इसके साथ ही मल्टी ऑर्गेन फेल्योर होने से मौत हो गई। टॉयलेट क्लीनर पीने के काफी देर बाद छात्रा हैलट पहुंची थी। इसके साथ ही कोई बता नहीं सका कि उसकी हालत क्यों बिगड़ी। अगर तुंरत पता चल जाता तो ज्यादा बेहतर इलाज हो सकता था।छात्रा की हालत बिगड़ने के बाद पिता नरेंद्र सिंह, मा लक्ष्मी देवी और भाई आर्यन व अंकुर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। अब तान्या की मौत होने के बाद परिजन कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पिता ने कहा कि मौत से पहले बेटी ने कहा था कि क्लासमेट उसे चिढ़ाते थे।पिता पोस्टमॉर्टम के बाहर बेटी के बारे में बताते बेहोश हो जा रहे तो  मां बार-बार बेटी का नाम लेकर बेसुध हो जा रही थी।मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया था कि छात्रा MBBS सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसे कॉलेज कैंपस में ही हॉस्टल एलॉट था। लेकिन जांच में सामने आया कि वह 6 महीने से हॉस्टल में नहीं रहती थी। परिजनों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी।आखिर किस लड़के के साथ वह हॉस्टल छोड़कर रहती थी...? उसे हॉस्पिटल में कौन लोगों ने भर्ती कराया...? अब पुलिस इन सब सवालों के जवाब तलाशने के लिए जांच शुरू कर दी है।थाना प्रभारी राजेश वर्मा का कहना है कि परिजनों की तहरीर के आधार पर मामले में FIR दर्ज कर मामले में जांच की जा रही है।

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