Jeeva Murder:शूटर विजय को दिया गया था 20 लाख का लालच कुख्यात संजीव जीवा की हत्या के लिए , सच्चाई आई सामने
लखनऊ कोर्ट में हुई मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात अपराधी संजीव जीवा के शूटर से पुलिस पूछताछ कर रही है. जिसमें उन्होंने कई अहम खुलासे किए थे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि विजय के पास चेक रिपब्लिक की बनाई .357 बोर मैग्नम अल्फा रिवाल्वर कैसे आई।
जीवा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस टीम को शूटर विजय यादव से पूछताछ के दौरान कई अहम बातें पता चली हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए विजय यादव को 20 लाख रुपये देने का लालच दिया गया था. हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि जीवा को मारने के लिए विजय से संपर्क किसने किया था।
चेक रिपब्लिक की .357 बोर की मैग्नम अल्फा रिवाल्वर से दागी गई
सूत्रों का कहना है कि घटना में विजय के साथ अन्य लोग भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से चेक गणराज्य की बनी .357 बोर की मैग्नम अल्फा रिवाल्वर बरामद हुई है. यह पता लगाया जा रहा है कि यह हथियार विजय को किसने मुहैया कराया था। पूछताछ के दौरान ज्यादातर सवालों पर वे खामोश रहे, जिनके जवाब भी पुलिस को गुमराह करने वाले थे.
एसआईटी ने मौके से जुटाए साक्ष्य
मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की लोगों से खचाखच भरी अदालत में गोली मारकर हत्या किए जाने के दूसरे दिन विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फिर से घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत जुटाए हैं. एडीजी तकनीकी मोहित अग्रवाल, जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी और आईजी रेंज आगरा प्रवीण कुमार ने टीम में शामिल 50 लोगों के बयान लिए। टीम ने वकीलों से भी बातचीत की। दूसरी तरफ जीवा को सुरक्षा घेरे में लाने वाले 10 पुलिसकर्मियों के बयान एसआईटी ने दर्ज किए हैं। इनमें दो सब इंस्पेक्टर, चार हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल शामिल हैं.
शूटर विजय यादव को सीजेएम ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है
घटना के बाद वकीलों की पिटाई में घायल आरोपी विजय यादव को देर रात केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज कर गोसाईगंज जेल भेज दिया गया. सीजेएम ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बुधवार को कोर्ट के गेट नंबर पांच, सात व आठ पर तैनात मुख्य आरक्षक सुनील दुबे, मोहम्मद खालिक, अनिल सिंह, सुनील श्रीवास्तव, महिला आरक्षक निधि देवी व आरक्षक धर्मेंद्र पर प्रवेश द्वार पर चेकिंग नहीं करने का आरोप लगाया गया है. इस वजह से आरोपी हथियार लेकर कोर्ट में दाखिल हुआ था।
जीवा को बुलेट प्रूफ जैकेट में देखे बिना हमला कर दिया
जीवा को मारने की साजिश कई दिनों से रची जा रही थी। पांच जून को जीवा के अंतिम दर्शन के लिए शूटर विजय यादव कोर्ट भी गए थे। विजय ने उस दिन भी रेकी की थी, लेकिन अवसर के अभाव में वह सफल नहीं हो सका। इससे पहले जीवा तीन जून को उसके सामने पेश हुई थी, तब भी विजय कोर्ट में था। जीवा बुधवार को बिना बुलेट प्रूफ जैकेट के पहुंची थीं. यह देखकर विजय सीधे एससी/एसटी कोर्ट में घुस गया और जीवा के घुसते ही विजय ने गोलियां चला दीं.