महिला और बाल संबंधी अपराधों की जांच में आई तेजी, दो माह में 96.35% मामलों में विवेचना पूरी

Update: 2024-06-26 12:27 GMT

सोनू सिंह

गाजियाबाद। महानगर में पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद जहां अपराध और अपराधियों पर पुलिस काबू पा रही है वहीं महिला और बाल संबंधी अपराधों में भी पुलिस त्वरित न्याय दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है। इसका ही नतीजा है कि कमिश्नरेट बनने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने महिला और बाल संबंधी अपराध में दो माह की तय समय-सीमा में 96.35 प्रतिशत मामलों में विवेचना पूरी कर निस्तारण कर दिया है और अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर दी है।

बता दें कि बाल और महिला अपराध की एफआईआर होने के बाद हर हाल में दो माह के भीतर विवेचना पूरी कर अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जानी चाहिए। इसमें पोक्सो, दुष्कर्म, छेड़छाड़, महिला-बाल उत्पीड़न, शील भंग, दहेज हत्या समेत अन्य मामले शामिल किए गए हैं। नवंबर 2022 को जब गाजियाबाद को पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया था तो ऐसे मामलों को दो माह में विवेचना पूरी होने का निस्तारण रेट 65 प्रतिशत था। यानी की 65 प्रतिशत मामलों में ही दो माह के भीतर विवेचना पूरी कर अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही थीं और बाकी 35 प्रतिशत मामलों की जांच अटकी हुई थी।

पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने 30 नवंबर 2022 को पहले कमिश्नर के रूप में चार्ज लेने के बाद एक जनवरी 2023 को ऐसे प्रकरणों की समीक्षा कराई तब भी 65 प्रतिशत मामलों में ही दो माह में विवेचना पूरी हो रही थी। पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि कमिश्नरेट बनने के बाद बाल और महिला संबंधी अपराधों में पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में पुलिस काम कर रही है। इस तरह के प्रकरणों में कानून के मुताबिक, दो माह के भीतर विवेचना पूरी कर अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जा रही हैं। हमने 21 जून तक 96.35 प्रतिशत प्रकरणों में तय समय-सीमा के भीतर विवेचना पूर्ण कर अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर दी है। विवेचना में साक्ष्य संकलन, गुणवत्ता और समय-सीमा का पूरा ध्यान रखा गया है।

हमारा प्रयास है कि शत-प्रतिशत मामलों में दो माह के भीतर ही विवेचना पूर्ण कर अतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर दी जाए। इस विवेचनाओं को दो माह में पूरा करने को टास्क के रूप में लिया गया। पुलिस दो माह के भीतर विवेचना पूरी कर कोर्ट भेजने के मामले में कामयाब हुई। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2024 को पुलिस मामलों के निस्तारण में 91 प्रतिशत तक पहुंच गई थी और अब पुलिस निस्तारण में 96.35 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में पुलिस 100 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

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