Inspector Murder: युवती के साथ पति को पकड़ा... दस माह भाई संग बनाया फुलप्रूफ प्लान, कत्ल को मुकर्रर की ये रात

Update: 2023-11-21 11:28 GMT

इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह रंगीनमिजाज थे। दस महीने पहले वह एक युवती को घर लाए थे। तभी पत्नी भावना व बेटी ने उन्हें पकड़ लिया था। बस उसी दिन भावना ने उनकी हत्या कराने की ठान ली थी। उसने अपने भाई देवेंद्र से इस बारे में बातचीत की। फिर दोनों ने मिलकर हत्या का फुलप्रूफ प्लान बनाया और वारदात अंजाम देने के लिए दीपावली की रात तय की।

जेल भेजे जाने से पहले भावना व देवेंद्र से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है। दीपावली की रात कृष्णानगर की मानस विहार कॉलोनी में पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की घर के बाहर ही गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने रविवार को वारदात का खुलासा करते हुए सतीश की पत्नी भावना व साले देवेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

आरोपियों ने बताया था कि सतीश के चाल-चलन से तंग आकर उनकी हत्या की है। पूछताछ में सामने आया कि जनवरी में सतीश एक युवती को अपने घर लाए थे। तब बेटी भावना व पत्नी ने उन्हें पकड़ लिया था। जेल भेजे जाने से पहले भावना ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने सतीश को युवती के साथ पकड़ा तो घर में खूब झगड़ा हुआ था।

ये तो पता था कि सतीश युवतियों के संपर्क में हैं मगर वह इस तरह किसी को घर ले आएंगे ये नहीं सोचा था। ये बर्दाश्त नहीं हुआ और उसी दिन सतीश को ठिकाने लगाने की ठान ली थी। अपने भाई देवेंद्र को सतीश की करतूत बताई तो वह हत्या करने को राजी हो गया।

फिर दस महीने तक फुलप्रूफ बनाकर वारदात अंजाम देने के लिए मौके की तलाश शुरू कर दी। फिर हत्या के लिए दीपावली की रात तय की और उसे अंजाम दे डाला।


अंधविश्वास की गिरफ्त में थे सतीश

पुलिस की जांच में सामने आया कि सतीश एक तांत्रिक के फेर में फंसे थे। तंत्र-मंत्र कर वह अधिक रुपये कमाना चाहते थे। अब तक सामने आए साक्ष्यों से पता चला है कि इंस्पेक्टर एक तरह से सेक्स रैकेट का संचालन करते थे।


सोशल मीडिया पर असलहा बाजार

हत्याकांड के खुलासे में सामने आया कि देवेंद्र ने असलहे के लिए यू ट्यूब के जरिए कानपुर के एक शख्स से संपर्क किया था। जिससे उसने 70 हजार रुपये में पिस्टल खरीदी थी। कुछ और जानकारी खंगाली गई तो पता चला कि सोशल मीडिया पर लखनऊ, कानपुर समेत आसपास के जिलों में असलहा तस्करों ने अपना जाल फैला रखा है। पूरी डीलिंग ऑनलाइन होती है।

तस्कर अपने एजेंट के जरिये असलहा डिलीवर कराते हैं। एक दर्जन मोबाइल नंबर पुलिस ने चिह्नित किए हैं। जिससे तस्करों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। देवेंद्र ने जिससे पिस्टल खरीदी थी, उसका नंबर अभी पुलिस को नहीं मिल पाया है। क्योंकि देवेंद्र ने बात करने के लिए कीपैड वाला नया मोबाइल खरीदा था। असलहे की डीलिंग के बाद सिम समेत मोबाइल नदी में फेंक दिया था।

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