जेल से ही चुनाव जीत गए थे Harishankar Tiwari

Update: 2023-05-17 06:14 GMT

पूर्वांचल के बाहुबली नेता Harishankar Tiwari करीब पांच दशक से गोरखपुर और आसपास की सियासत के केंद्र में रहे हैं। 1985 में वह निर्दलीय विधायक के रूप में ही चुने गए थे। पर्चा उन्होंने जेल से ही भरा था। इसके बाद चिल्लूपार विधानसभा सीट पर वह अजेय हो गए। 1985 के बाद वह लगातार छह बार इस सीट से चुनाव जीते। वह 1985,1989, 1991, 1993, 1996 और 2002 में चिल्लूपार से चुनाव जीते। 2007 में अप्रत्याशित रूप से बसपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी ने उनको हरा दिया। इस हार के बाद 2012 से वह चुनावी राजनीति से दूर हो गए। 2017 में उनके बेटे विनय शंकर तिवारी ने चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से राजेश त्रिपाठी को हराकर जीत हासिल की। हालांकि, 2022 का विधानसभा चुनाव वह सपा से लड़े लेकिन जीत नहीं मिल सकी।

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