बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर की आधी आबादी आज भी गरीब, ये दोनों यूपी के सबसे अमीर जिले

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर की आधी आबादी अब भी गरीब है. हालांकि, इन जिलों में पहले की तुलना में सुधार दिख रहा है.

Update: 2023-07-22 07:07 GMT

गरीबी के मामले में नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल के तीन जिले प्रदेश में टॉप पर हैं। बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में औसतन आधी आबादी अभी भी गरीब है। वहीं गाजियाबाद अमीरों की श्रेणी में टॉप पर है। दूसरे नंबर पर लखनऊ और तीसरे नंबर पर कानपुर है।रिपोर्ट के मुताबिक, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर अभी भी गरीबी की श्रेणी में शीर्ष पर हैं। हालांकि सात साल पहले की तुलना में उनकी हालत में सुधार हुआ है. 2015-16 में, बहराइच में 72 फीसदी, श्रावस्ती में 74 और बलरामपुर में 70 फीसदी आबादी गरीब थी। लेकिन अब वहां क्रमशः 55, 50 और 42 फीसदी आबादी ही गरीबी में बची है.

गाजियाबाद सबसे अमीर जिला है, जहां गरीबों की संख्या सबसे कम 7 फीसदी है। इसके बाद क्रमशः लखनऊ और कानपुर में 9-9 प्रतिशत गरीब आबादी है। अमीरी के मामले में गौतमबुद्ध नगर चौथे नंबर पर और हापुड़ पांचवें नंबर पर है. पूरे प्रदेश की बात करें तो पहले गांवों में 44 प्रतिशत लोग गरीब थे। अब यह घटकर 26 प्रतिशत पर आ गया है. पहले शहरों में 17 प्रतिशत लोग गरीब थे, जो अब घटकर 11 प्रतिशत रह गये हैं।

इन पैरामीटर्स पर परखा गया

गरीबी के लिए जिलों का आकलन मुख्यत: तीन मापदंडों स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के आधार पर किया गया। इसमें पोषण, जन्म एवं मृत्यु दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, स्कूल जाने वाले बच्चों की उम्र, स्कूल में उपस्थिति, ईंधन, रसोई गैस, स्वच्छता, शौचालय, आवास, पेयजल, बिजली, संपत्ति, बैंक खाते के आधार पर जिले बनाए गए।

गरीबी के मामले में शीर्ष 10 जिले (आंकड़े प्रतिशत में)

जिला--वर्ष 2016--2021

बहराईच --72 --55

श्रावस्ती -- 74 -- 50

बलरामपुर --70 --42

बंदायु--57--40

सीतापुर--57--40

सिद्धार्थनगर--57--37

सम्भल - - --35

खीरा--60--35

हरदोई--51--34

बांदा--40--34

न्यूनतम गरीबी वाले शीर्ष 10 जिले (प्रतिशत में)

जिला वर्ष--2016--2021

ग़ाज़ियाबाद--17--7

लखनऊ -- 12 -- 9

कानपुर नगर -- 14 -- 9

गौतमबुद्ध नगर--15--12

हापुड----13

मुजफ्फरनगर--30--13

मेरठ -- 21 -- 13

मऊ --33 --13

बागपत--14--21

झाँसी--20--15

हर क्षेत्र में राज्य की स्थिति में सुधार हुआ

सुविधा--पहले--अब

पीने का पानी -- 3.66 -- 2.06

विद्युत -- 27.43 -- 9.16

संपत्ति--12.44--7.80

बैंक खाते--4.87--2.96 (आंकड़े प्रतिशत में)

गरीबी कम करने में बिहार यूपी-एमपी से आगे!

बिहार में गरीबों का अनुपात 51.89 से घटकर 33.76 पर आ गया है. यह देश में गरीबी सूचकांक में सबसे तेज़ कमी है। इसीलिए बिहार शीर्ष पर है. इसके बाद मध्य प्रदेश और यूपी में सबसे तेज गिरावट देखी गई. यहां गरीबों का अनुपात क्रमश: 20.63 और 22.93 प्रतिशत रह गया है। गरीबों की संख्या के मामले में यूपी शीर्ष पर है, जहां पिछले पांच साल में 3.43 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं। इसके बाद बिहार (2.25 करोड़) और मध्य प्रदेश (1.36 करोड़) हैं।

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