ज्ञानवापी केस: ज्ञानवापी मामले में नहीं हो सकी सुनवाई, केस में अहम साबित होंगे सबूत.

Update: 2023-09-15 05:53 GMT

ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर पक्ष के वकील सौरभ तिवारी ने कहा कि हमने कोर्ट से ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने की मांग की थी. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए एएसआई को इसके निर्देश दिए हैं. हम इसे अपनी जीत मानते हैं.

ज्ञानवापी में मिले साक्ष्य मामले के निस्तारण में अहम साबित होंगे। उधर, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव मोहम्मद सैयद यासीन ने कहा कि जिला जज का आदेश अच्छा है. मामले से जुड़े अहम सबूतों की सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी से ज्यादा जिम्मेदार कोई नहीं हो सकता. साक्ष्य रखने के लिए मालखाने से ज्यादा सुरक्षित कोई जगह नहीं हो सकती।

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कई आदेश आये

  •  18 अगस्त 2021 को राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रविकुमार दिवाकर की अदालत में मुकदमा दायर             किया  था.
  •  8 अप्रैल, 2022 को कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया और ज्ञानवापी परिसर की फोटोग्राफी और            वीडियोग्राफी का आदेश दिया.
  •  16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के बरामदे में शिवलिंग मिलने की बात कही.
  •  17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था.
  •  20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को वाराणसी स्थानांतरित करने का आदेश दिया.
  •  12 सितंबर को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था कि यह मामला सुनवाई योग्य है.
  •  22 सितंबर को मंदिर पक्ष की वादी मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी, सीता साहू की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर शिवलिंग की                कार्बन   डेटिंग या अन्य वैज्ञानिक तकनीक (जीपीआर) से जांच कराने की मांग की गई थी।
  •  14 अक्टूबर को मंदिर पक्ष की शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग खारिज कर दी गई.
  •  12 मई 2023 को हाईकोर्ट से शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश आया. 16 मई को मंदिर पक्ष ने जिला न्यायाधीश की अदालत में                 वजुखाना   जहां पर शिवलिंग मिला था, के सीलबंद क्षेत्र को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच (एएसआई सर्वेक्षण) के लिए           आवेदन दायर   किया था. प्रविष्टि की।
  •  21 जुलाई को जिला जज की अदालत ने मंदिर पक्ष के आवेदन को स्वीकार कर लिया और पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की जांच का            आदेश दिया.
  •  दो अगस्त के साथ ही 11 और 17 अगस्त को ज्ञानवापी में राखी सिंह की ओर से साक्ष्य सुरक्षित करने के लिए तीन प्रार्थना पत्र दाखिल किए         गए  थे।
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