ज्ञानवापी केस: ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला, मुस्लिम पक्ष को झटका, जारी रहेगा एएसआई का सर्वे

Update: 2023-08-03 05:59 GMT

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण को भी हरी झंडी दे दी है।दरअसल, 21 जुलाई को वाराणसी जिला न्यायाधीश ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. इस पर मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट में सर्वे के फैसले को चुनौती दी.अब मुस्लिम पक्ष की इस याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि न्याय हित में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सर्वेक्षण जरूरी है. इसे कुछ शर्तों के साथ लागू किया जाना जरूरी है.हाल ही में वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश जारी किया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सर्वेक्षण की रिपोर्ट चार अगस्त तक वाराणसी कोर्ट को सौंपनी थी। जिला न्यायालय के आदेश के बाद एएसआई की टीम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण करने पहुंची थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट चले गए.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगा दी और मस्जिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा. इसके बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गया. अब सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है.अदालत में बहस करते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने असामयिक अदालती आदेश से ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी की मूल संरचना को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई थी. उन्होंने यह भी कहा कि देश ने अयोध्या में बाबरी कांड का दंश झेला है. किसी सिविल मुकदमे में, रख-रखाव की बात निर्धारित किए बिना सर्वेक्षण और उत्खनन पर जल्दबाजी में लिया गया निर्णय घातक हो सकता है।हालांकि, एएसआई ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए कहा कि सर्वे के लिए अपनाई गई तकनीक से ज्ञानवापी की मूल संरचना को खरोंच तक नहीं आएगी. वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी ने कहा कि वे वैज्ञानिक सर्वेक्षण के माध्यम से ज्ञानवापी का सच सामने लाना चाहते हैं.सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद राज्य के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने कहा था कि राज्य सरकार याचिका में पक्षकार नहीं है, लेकिन राज्य सरकार किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है. सर्वेक्षण।

ज्ञानवापी को लेकर हाईकोर्ट में नई याचिका दाखिल

वहीं ज्ञानवापी मामले को लेकर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इसमें शृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति देने की मांग की गई है. हालांकि, यह मामला पहले से ही वाराणसी कोर्ट में लंबित है. यह याचिका एएसआई सर्वे पर मुख्य न्यायाधीश की पीठ के फैसले से एक दिन पहले दायर की गई थी.जनहित याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदुओं के प्रतीकों की रक्षा करने और गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की हाई कोर्ट से अपील की गई है. जनहित याचिका में कहा गया है कि श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी कोर्ट का फैसला आने तक परिसर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि ज्ञानवापी में ASI सर्वे का काम प्रभावित न हो. याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय रजिस्ट्री में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर अगले सप्ताह मुख्य न्यायाधीश की पीठ में सुनवाई होने की उम्मीद है.|

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