समारोह शुरू होने से पहले राज्यपाल ने जैसे ही बटन दबाया 14,167 उपाधियां डिजीलॉकर में अपलोड हो गईं। राज्यपाल ने कहा कि यह तो बस शुरुआत भर है। प्रदेश के 32 विश्वविद्यालयों में इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को डिग्रियों के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। जल्द ही छात्र-छात्राओं को डिग्रियां ऑनलाइन मिलने लगेंगी। दीक्षांत समारोह के साथ ही उपाधियों को डिजीलॉकर पर अपलोड कर दिया जाएगा। शनिवार को शुरुआत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समारोह से हुई।
समारोह शुरू होने से पहले राज्यपाल ने जैसे ही बटन दबाया 14,167 उपाधियां डिजीलॉकर में अपलोड हो गईं। राज्यपाल ने कहा कि यह तो बस शुरुआत भर है। प्रदेश के 32 विश्वविद्यालयों में इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। इस सुविधा के शुरू होने के बाद छात्र-छात्राएं देश में कहीं से भी अपनी डिग्री और उपाधि प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें चक्कर काटने से निजात मिलेगी। साथ ही राज्यपाल ने संस्कृत के ऑनलाइन प्रशिक्षण केंद्र का भी उद्घाटन किया। प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन प्रशिक्षण केंद्र व लैब के लिए एक करोड़ 16 लाख रुपये दिए हैं। इस केंद्र से लोग घर बैठे संस्कृत के 10 पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर सकेंगे। ज्योतिष, कर्मकांड, संस्कृत भाषा शिक्षण, ज्योतिष वास्तु विज्ञान, योग, व्याकरण, दर्शन, वेदांत की ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी।