Gorakhpur News: गोरखपुर एम्स में भी ठेले-फड़ वाले डेरा जमाने लगे, दलालों के सांठगांठ की आशंका

Update: 2023-10-12 10:33 GMT

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ही नहीं, एम्स में भी दलालों के नेटवर्क में बाहर लगने वाले ठेले-फड़ वाले शामिल हैं। एम्स प्रशासन ने इसी आंशका को देखते हुए नगर निगम को पत्र जारी कर इन्हें हटाने का अनुरोध किया है।

पता चला है कि मरीज जब ठेलों पर खरीदारी के लिए जाते हैं, उसी समय दलाल उन्हें बेहतर सुविधा दिलाने का झांसा देकर अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। फिर मरीज को इसका एहसास तब होता है, जब वह ठगी के शिकार हो चुके होते हैं। अब इस पूरे नेटवर्क की एक-एक कड़ी को तोड़ने के लिए एम्स प्रशासन ने कदम आगे बढ़ाया है। खबर है कि गेट पर सूचना और ठेले हटाने के साथ ही अंदर के गठजोड़ की भी जांच जारी है।

जानकारी के मुताबिक, एम्स में मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने के साथ ही इंप्लांट खरीदवाने के नाम पर दलाली का मामला सामने आ चुका है। सीएम ने भी पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। पाया गया कि एम्स में कुछ डॉक्टरों से दलालों ने गठजोड़ कर लिया है और फिर इन दोनों के नेटवर्क से ही आम मरीज ठगे जा रहे हैं।

सस्ते इलाज की चाह में आने वाले मरीज को अंत में बाहर जाकर महंगे दामों पर इलाज कराना पड़ता है। ऐसे ही एक मरीज ने शिकायत भी की थी। अब जांच में इसकी पुष्टि के बाद एम्स प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। एम्स ने नगर निगम को पत्र जारी कर बाहर लगने वाले ठेले-फड़ वालों को हटाने के लिए कहा है, ताकि एम्स गेट पर दलालों का जमावड़ा न लगने पाए। वहीं, एम्स के गार्डों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।

मेडिकल काॅलेज में पकड़ा जा चुका है खेल

ठेले वालों से सांठगांठ कर दलाली करने वालों का खेल मेडिकल कॉलेज में पकड़ा जा चुका है। यहां पर एंबुलेंस मरीज माफिया, खून माफिया सब ठेले वालों से ही सांठगांठ कर अपने अवैध काम को कर रहे थे। पुलिस ने एक मामले में केस दर्ज कर जब जांच की तो कई लोग इसकी चपेट में आ गए और इस गिरोह से जुड़े लोगों को जेल भेजा गया था। मेडिकल कॉलेज में संविदा कर्मचारी भी पकड़े गए थे, जो दलालों के गिरोह में शामिल थे।

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