प्रयागराज समाचार_छेड़छाड़ के विरोध पर छात्रा की हत्या: लाठी-डंडों से लैस हजारों लोग सड़क पर बैठे, कहा- प्रधान के घर पर बुलडोजर..
प्रयागराज के खीरी में छात्र की हत्या के दूसरे दिन भी परिजनों-ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हुआ। लाठी-डंडों से लैस हजारों ग्रामीण खीरी बाजार चौराहे को चारों ओर से जाम कर सड़क पर बैठे रहे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल रहे।
वह मांग कर रहे थे कि जिस तरह से अपराधियों को योगीराज में सजा दी जाती है, उसी तरह प्रधान के घर पर भी बुलडोजर चलवाया जाए, तब ही इंसाफ होगा। समझाने की कोशिश करने पर पुलिसकर्मियों से कई बार उनकी तीखी नोंकझोंक भी हुई।
भोर में साढ़े तीन बजे के करीब पुलिस आयुक्त व डीएम खीरी बाजार पर पहुंचे तो लगा कि अब मामला शांत हो जाएगा। अफसरों ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि कुछ ही घंटों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
साथ ही अपील की कि वह अपने-अपने घरों को लौट जाएं। कुछ लोगों को तो उनकी बात समझ में आई और वे शांत हो गए, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जो शव सौंपे जाने तक हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद दोनों अफसर वापस थाने चले गए।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने दावा किया कि अफसरों ने भोर में हुई वार्ता के दौरान सुबह 11 बजे तक शव परिजनों को सौंपे जाने की बात कही थी। हालांकि, शव नहीं आया और एक बार फिर से ग्रामीणों का जुटना शुरू हो गया। इसके बाद ग्रामीण थाने पहुंच गए और घेराव कर दिया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाना चाहा तो वह उग्र हो उठे और पथराव कर दिया।
इसके साथ ही खीरी-कोहड़ार मार्ग से थाने की ओर जाने वाले मार्ग पर खड़ी सरकारी एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ कर दी। इस पर पुलिसकर्मियों ने किसी तरह समझाकर उन्हें वहां से हटाया। हालांकि, वहां से हटने के बाद लोगों ने एक बार फिर खीरी बाजार पहुंचकर जाम लगा दिया। फिर देर शाम तक यही स्थिति बनी रही। जाम लगाए लोग मांग कर रहे थे कि आरोपी प्रधान के घर पर बुलडोजर चलवाया जाए।
जब तक आरोपी के घर पर बुलडोजर नहीं चलेगा और परिजनों को शव नहीं सौंपा जाएगा, वह नहीं हटेंगे। साथ ही उन्होंने ऐसा ही किया। देर शाम तक वह चौराहा जाम किए बैठे रहे। ग्रामीणों के तेवर देखकर पुलिसकर्मी भी बैकफुट पर रहे और मान-मनौव्वल करते रहे।
महिलाएं ज्यादा आक्रोशित, सुनाती रहीं खरीखोटी
प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं और वह लाठी-डंडों से लैस थीं। आक्रोश तो सभी प्रदर्शनकारियों में था, लेकिन महिलाएं कुछ ज्यादा ही गुस्से में दिखीं। उनके सामने जो भी पुलिसकर्मी पड़ता वह उसे खरीखोटी सुनाने लगतीं। उनका आरोप था कि पुलिस अफसरों के कहने के बावजूद शव घरवालों को नहीं सौंपा गया, यह सरासर अन्याय है। उल्टा इंसाफ मांगने पर परिवार व ग्रामीणों से ही सख्ती कर रही है। नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुआवजा नहीं, बेटा लौटाइए
एक तरफ खीरी चौराहे पर जाम चल रहा था तो करीब 30-35 महिलाएं थाने के गेट के बाहर जमा थीं। वह भीतर जाना चाहती थीं लेकिन गेट पर तैनात महिला थाना की एसओ पूनम शुक्ला समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोके रखा था। इस पर महिलाएं रह-रहकर नारेबाजी भी कर रही थीं। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने कहा कि गिरफ्तारी की मांग पूरी होने के साथ ही मुआवजे का भी आश्वासन दिया गया है। इस पर एक प्रदर्शनकारी महिला ने उन्हें जवाब दिया कि मुआवजा नहीं बल्कि मां को उसका बेटा लौटाइए तब मानेंगे कि पुलिस प्रशासन ने इंसाफ किया।
घरवालों के आने से पहले क्यों भेजा शव?
प्रदर्शनकारी स्थानीय पुलिस को लेकर भी बेहद आक्रोशित दिखे। उनका कहना था कि पुलिसवालों ने परिजनों के आने से पहले ही शव क्यों हटाया। सवाल उठाया कि पुलिस को आखिर इतनी जल्दी क्या थी कि उसने परिजनों का भी इंतजार नहीं किया। हालांकि इस मामले में पुलिस की ओर से पहले ही बताया गया कि सूचना पर जब वह मौके पर पहुंचे तो छात्र की सांस चल रही थी। ऐेसे में जितनी जल्दी हो सका, उसे अस्पताल भेजा गया।
सिर में लगी चोट बनी मौत का कारण
मृतक के शव का पोस्टमार्टम शाम पांच बजे के करीब हुआ। तनावपूर्ण माहौल के बीच दोपहर में पंचानामे की कार्रवाई पूरी कर पुलिस मृतक के भाई पुरुषोत्तम को लेकर मोर्चरी पहुंची और इसके बाद पोस्टमार्टम शुरू हुआ। पोस्टमार्टम में मृतक के सिर के पिछले हिस्से में चाेट का निशान मिला है और माना जा रहा है कि यही चोट उसकी मौत का कारण बनी। तीन डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया।
बेटे व दो भांजों समेत गिरफ्तार हुआ प्रधान
पुलिस ने नामजद आरोपी तुर्कपुरवा ग्राम प्रधान मो. यूसुफ समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पांचों गैरसमुदाय के हैं। इनमें दूसरा नामजद आरोपी मोनिस व तीन बाल अपचारी शामिल हैं। बाल अपचारियों में एक प्रधान का बेटा जबकि दो उसके भांजे हैं। प्रधान का बेटा भी उसी स्कूल में पढ़ता है, जहां मृतक सत्यम पढ़ता था।
पुलिस आयुक्त ने रात भर किया कैंप, दूसरे दिन भी डटे रहे
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त रमित शर्मा समेत तमाम अफसरों ने रात भर खीरी थाने में ही कैंप किया। उधर, डीएम भी रात में ही पहुंचे थे, लेकिन वह कुछ घंटों बाद वापस लौट गए। मंगलवार सुबह एक बार फिर वह थाने पहुंचे और इसके बाद सभी अफसर देर शाम तक मौके पर ही डटे रहे।