खेल नौ करोड़ रुपये का... ऑटो स्टैंड के नाम कर दिए प्रमुख चौराहे

Update: 2023-12-30 07:42 GMT

गोरखपुर शहर में जाम को लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद हरकत में आए नगर निगम और पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाए और ऑटो चलने के लिए स्थान तय कर दिए, लेकिन इसी बीच नगर निगम ने एक बड़ा खेल कर दिया। बड़ी चालाकी से पांच दिसंबर 2023 को चार प्रमुख चौराहों पर सड़क पर ही स्टैंड का ठेका दे दिया।

राजस्व में इसके लिए महज आठ लाख 14 हजार 200 रुपये ही जमा कराए गए हैं, जबकि खेल सालाना करीब नौ करोड़ रुपये का है। पहले भी ऐसे ही स्टैंड की अनुमति दी गई थी, लेकिन वह लिखा-पढ़ी में नहीं थी, लेकिन इस बार ऑटो चालकों से शुल्क लेकर रसीद दी जा रही है।

शहर में करीब 10 हजार ऑटो चलते हैं। अगर ठेका लेने वाले फर्म की बात मान लें तो महज सात सौ ऑटो वाले ही शुल्क देते हैं। ऐसे में हर महीने की आमदनी सात लाख 35 हजार रुपये की है। यानी सालाना इससे आय करीब नौ करोड़ रुपये होगी। इस शुल्क को देने के बाद ऑटो चालक भी बेखौफ होकर प्रमुख चौराहे के किनारे ऑटो खड़ा कर देते हैं। जबकि, शहर से जाम को मुक्त कराने के लिए चौराहों से ऑटो को हटाया गया था। इसके लिए कमिश्नर और एडीजी जोन के निर्देश पर शहर में लगातार अभियान चलाया गया। 

जानकारी के मुताबिक, शहर में जाम से निपटने के लिए अतिक्रमण हटाने का अभियान चला। सभी जगहों से ठेले वाले और स्थायी निर्माण को हटा दिया गया तो सड़कें चौड़ी हो गईं। गाड़ियां भी रफ्तार भरने लगीं, लेकिन ऑटो वालों का चौराहे पर ही कब्जा दिखने लगा। पुलिस इसे अवैध कब्जा बताकर कार्रवाई कर रही है तो ऑटो एसोसिएशन के पदाधिकारी इसे गलत ठहरा रहे हैं।

दोनों के बीच के इसी विवाद की तह तक जाने की जब कोशिश की गई तो पता चला कि इस पूरे खेल के केंद्र में नगर निगम के कुछ जिम्मेदार खुद ही हैं। शहर के शास्त्री चौक के लिए गए स्टैंड को अगर छोड़ दें तो इसके अलावा तीन जगहों पर खुद नगर निगम ने ही सड़क पर स्टैंड बनाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए बाकायदा निविदा की प्रक्रिया की गई और राजस्व में कुछ रकम जमाकर सड़क पर स्टैंड का ठेका दे दिया गया। ठेका की शर्तों में यह कहीं नहीं लिखा है कि किस स्टैंड से कितने ऑटो चलेंगे।

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