- वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 310 दर्ज किया गया
गाजियाबाद। तमाम दावों के बीच दिवाली पर गुरुवार रात को जमकर पटाखे जलाए गए। इससे दिवाली के अगले दिन शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 310 दर्ज किया गया। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों के जलाने पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद गुरुवार शाम से ही प्रदूषण फैलाने और तेज आवाज वाले पटाखे जलने शुरू हो गए। रात भर लोगों को पटाखों की आवाज सुनाई देती रही। जिस वजह से शुक्रवार सुबह वातावरण में प्रदूषण की धुंध छा गई। दोपहर के समय तक भी प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ। सांस के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हुई। वह अपने घरों में कैद हो गए। जिला रेड जोन में पहुंच गया। जिले का एक्यूआई 310 दर्ज किया गया।
प्रदूषण के अन्य कारण :
सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए नहीं हो रहा छिड़काव सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर सारी योजनाएं बनाने का दावा करते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है. नगर निगम, जीडीए और पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव करें। विभाग छिड़काव करने का दावा करता है, लेकिन छिड़काव नहीं हो रहा है और सड़कों पर धूल उड़ रही है। जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के क्षेत्रीय अधिकारी अवैध फैक्ट्रियों को बंद कराने की बात कर रहे हैं।
चल रही अवैध फैक्ट्रियां :
लोनी, मेरठ रोड, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, भोपुरा, साहिबाबाद समेत कई इलाकों में अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे सभी कारकों को चिन्हित कर लिया गया है जो प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।
आज का एक्यूआई
इंदिरापुरम - 306
लोनी - 349
संजय नगर - 330
वसुंधरा - 255
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम नियमित रूप से क्षेत्र में गश्त कर रही है। प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना की कार्रवाई की जाती है। हमने संबंधित विभागों को प्रदूषण रोकने के लिए पत्र लिखा था।
- विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड