दो चीनी नागरिकों पर FIR:नोएडा से चीन भेजा गया था 2000 करोड़ से ज्यादा का डेटा, मोबाइल स्क्रैप के नाम पर हुआ था पूरा खेल

Update: 2023-08-02 05:31 GMT

नोएडा से चीन तक मोबाइल डेटा भेजने का मामला सामने आया है. आरोप है कि नोएडा की कंपनी से मोबाइल स्क्रैप बताकर डेटा भेजा जा रहा था. मामले की जांच के बाद एसटीएफ ने दो चीनी नागरिकों लियू रुई और लियू उवान और नोएडा की रोशन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी, विदेशी अधिनियम से लेकर विभिन्न धाराओं के तहत कोतवाली सेक्टर-63 में मुकदमा दर्ज किया है।जांच में पता चला कि उत्पाद शुल्क की चोरी कर भारत सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया. आशंका है कि अवैध तरीके से भेजे गए देश के कई लाख लोगों के डेटा का दुरुपयोग भी हो सकता है. इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच एसटीएफ की टीम कर रही है। इस नेटवर्क के कुछ आरोपी पहले भी ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार हो चुके हैं.कुछ महीने पहले बिहार और नेपाल सीमा से कई चीनी नागरिकों को जासूसी के आरोप में यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि आरोपी ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग सेक्टरों में रहते थे, जबकि उनके कुछ साथी एनसीआर में डेरा डाले हुए थे। जांच में पता चला कि आरोपियों के तार सेक्टर-63 की एक कंपनी से जुड़े हुए हैं।इस मामले में एसटीएफ इंस्पेक्टर राकेश कुमार की ओर से कोतवाली सेक्टर-63 में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दरअसल, एसटीएफ ने थाना बीटा-2 क्षेत्र में इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए 18 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

हांगकांग के रास्ते चीन भेजा गया मोबाइल स्क्रैप, जासूसी जांच जारी

एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े में कई कंपनियां शामिल हैं। नोएडा से हांगकांग की कंपनी को कंपनियां मोबाइल स्क्रैप भेजती हैं। ये स्क्रैप हांगकांग से चीन भेजा जाता है. बताया जा रहा है कि इस तरह से लाखों लोगों का डेटा चीन भेजा जा चुका है. इस गिरोह में कई जासूसों की संलिप्तता भी सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि कई जासूस और आरोपी लगभग छह साल से सक्रिय हैं. इस मामले की जांच में कई एजेंसियां लगी हुई हैं।

2000 करोड़ से ज्यादा का डेटा बिकने का डर

बताया जा रहा है कि अब तक भारत से 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा का डेटा चीन भेजा जा चुका है. बताया जा रहा है कि इसमें केंद्र सरकार को पांच सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कई केंद्रीय एजेंसियां और एसटीएफ की टीमें नोएडा से लेकर एनसीआर के दूसरे शहरों तक जुड़े नेटवर्क को खंगाल रही हैं।

फर्जी कंपनियों के जरिए चल रहा था खेल

एसटीएफ ने पहले ग्रेटर नोएडा से नेपाल बॉर्डर तक छापेमारी कर इस नेटवर्क को पकड़ा था। अब तक की जांच में साफ है कि इस पूरे मामले में फर्जी कंपनियों का खेल चल रहा है. देश-विदेश में खुली फर्जी कंपनियों के जरिए ही मोबाइल स्क्रैप को चीन में निर्यात किया जा रहा था।

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