फैक्टर आठ वैक्सीनेशन संकट: हीमोफीलिया के मरीजों की स्वास्थ्य चिंता
- हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित मरीजों का शरीर से बहने लगता है खून
गाजियाबाद। एमएमजी अस्पताल में हीमोफीलिया फैक्टर आठ की वैक्सीन खत्म हो गई हैं। पिछले एक सप्ताह से अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों को इंजेक्शन नहीं लग पा रहे हैं। मरीज इंजेक्शन नहीं होने की वजह से वापस लौट रहे हैं। हीमोफीलिया की बीमारी में मरीज के शरीर से खून बहने लगता है और ज्यादा रक्तस्राव से मरीज की मौत भी हो जाती है।
एमएमजी अस्पताल में हीमोफीलिया के 182 मरीजों का पंजीकरण हैं। इनमें 151 मरीज फैक्टर-आठ और 31 मरीज फैक्टर-नौ के शामिल हैं। इमरजेंसी में इस बीमारी से ग्रसित प्रतिदिन पांच से छह मरीज पहुंच रहे हैं। हीमोफिलिया-ए के मरीजों को फैक्टर-आठ इंजेक्शन की आठ साथ डोज लगती है। इसी तरह हीमोफिलिया-बी के मरीजों को फैक्टर-नौ की वैक्सीन लगाई जाती है। अस्पताल में फिलहाल हीमोफीलिया-ए के इंजेक्शन फैक्टर- आठ खत्म हो गया हैं। पिछले एक सप्ताह से वैक्सीन का कोटा खत्म पड़ा है। इसकी वजह से मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। मंगलवार को भी कई मरीजों को इंजेक्शन नहीं होने के कारण वापस लौटाया गया। नेहरू नगर निवासी मरीज को इंजेक्शन खत्म होने की बात कही। इसी तरह आदर्श नगर नंदग्राम निवासी मरीज और खोड़ा की 11 साल की लड़की भी वापस गई। उन्हें दिल्ली में इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा गया।
हीमोफीलिया फैक्टर-आठ वैक्सीन की डिमांड 19 दिसंबर को शासन को भेज दी गई है। तीन दिन में इंजेक्शन आने पर उम्मीद है। इसके बाद मरीजों को इंजेक्शन लगाए जाएंगे। - डॉ राकेश कुमार, सीएमएस, एमएमजी अस्पताल