राम लहर के साथ विकास के एजेंडे पर जोर, कल्याण सिंह के जरिए एक तीर से दो निशाने; विपक्ष को भी घेरा

Update: 2024-01-26 05:47 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलंदशहर से लोकसभा चुनाव का बुलंद आगाज किया। गरीब, किसान, नौजवान, महिला और विकास मिशन 400 पार की नैया पार लगाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को सच्ची धर्म निरपेक्षता और सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ाया। 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से लोकसभा चुनाव 2024 के अभियान का आगाज किया। मोदी ने चुनावी एजेंडा जनता के बीच रख दिया। अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश भर में चल रही राम लहर के साथ ही विकास को भाजपा चुनावी माहौल बनाएगी। 

राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गारंटी को उन्होंने पूरा कर दिया है अब राष्ट्र प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने में जनता के सहयोग और समर्थन की भी जरूरत बताई। वहीं, भाजपा को उम्मीद है कि उसका मजबूत वोटर बन चुका लाभार्थी वर्ग 400 सीटों का लक्ष्य हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा।

मोदी ने पहली रैली में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों को संदेश दिया। मोदी ने दो टूक कहा कि उन्हें चुनावी बिगुल फूंकने की जरूरत नहीं, वो हमेशा विकास और समाज के आखिर व्यक्ति के कल्याण के लिए बिगुल फूंकते हैं।

मोदी के लिए जनता ही चुनावी बिगुल फूंकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी ने अपने दस साल के कार्यकाल में बनाए करोड़ों की संख्या के लाभार्थी वोट बैंक की ताकत और उनके मोदी के प्रति विश्वास के बूते अपना मजबूत आत्मविश्वास जताया है।

कल्याण सिंह के जरिये एक तीरे से दो निशाने

मोदी ने बुलंदशहर की रैली में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नाम लिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बुलंदशहर सहित आसपास के जिलों में लोध, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा के साथ दलित वर्ग में भी कल्याण सिंह की लोकप्रियता है। मोदी ने उन्हें याद कर पिछड़े वोट बैंक के साथ रामभक्तों को भी साधा है।

विपक्ष पर साधा निशाना

मोदी ने विपक्षी दलों को कटघरे में खड़ा किया। सामाजिक न्याय के नाम पर जातीय जनगणना की मांग करने वालों को करारा जवाब भी दिया। मोदी ने कहा कि बिना भेदभाव, भ्रष्टाचार के योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत जनता को प्रदान करना ही धर्म निरपेक्षता और सामाजिक न्याय है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कोई गरीब हटाओ का नारा देता रहा, तो कोई सामाजिक न्याय के नाम पर झूठ बतलाता रहा।

पिछली सरकारें केवल परिवार तक सीमित थीं। देश ने देखा कि कुछ ही परिवार अमीर हुए, सामान्य गरीब, दलित और पिछ़ड़ा वर्ग के अपराधियों और दंगों से सहमा रहा। यूपी में लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया। समाज को बांटकर ही सत्ता प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया।

हरित क्षेत्र से दिया किसानों की सर्वोच्च प्राथमिकता का संदेश

मोदी सरकार 2.0 के कार्यकाल में तीन कृषि कानूनों के विरोध में सबसे बड़ा किसान आंदोलन पश्चिमी यूपी में भी हुआ था। मोदी ने पश्चिमी यूपी में से अपने चुनावी अभियान की आगाज करते हुए किसानों को साधा। मोदी ने कहा कि किसानों का हित उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मोदी ने किसानों से कहा कि दुनिया के अन्य देशों में जो यूरिया की बोरी 3000 हजार रुपये में मिल रही है वह भारत में किसानों को तीन सौ रुपये में दी जा रही है।

गन्ना किसानों को साधने के लिए मोदी ने योगी सरकार की ओर से गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का जिक्र भी किया। साथ ही किसानों की उपज को बचाने के लिए देश भर में कोल्ड स्टोरेज की भंडारण चेन स्थापित करने, किसान सम्मान निधि जैसी उपलब्धियां गिनाई।

इसलिए चुना बुलंदशहर

राजनीतिक लिहाज से पश्चिम उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए कमजोर माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम की 14 में से आधी सीटें ही भाजपा जीत सकी थीं। सात सीटें सपा-बसपा गठबंधन के हिस्से गई थीं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में ठाकुर, जाट, लोधी और अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है।

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