सर्दी और प्रदूषण का असर, बीपी और सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा
सरकारी अस्पताल में ओपीडी संख्या 2000 से अधिक
गाजियाबाद। प्रदूषण और तापमान में कमी के कारण अचानक मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। अकेले एक सरकारी अस्पताल में ओपीडी की संख्या 2000 से अधिक हो गई है। खासतौर से बुजुर्गों और छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। फिजिकल एक्टिविटी कम होने के कारण भी लोग बीमार हो रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर हार्ट पेशेंट्स और शुगर के मरीजों को अधिक ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं।
जिला सरकारी अस्पताल एमएमजी के सीएमएस, डॉक्टर राकेश कुमार बताते हैं कि हाल के दिनों में प्रदूषण और बढ़ती ठंड ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है। अकेले एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या 2000 से अधिक हो चुकी है।
ठंड और प्रदूषण से सांस और बीपी के मरीजों की संख्या में वृद्धि
डॉ. राकेश कुमार के अनुसार, यह मौसम खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों के लिए ज्यादा कष्टकारी है। साथ ही हार्ट पेशेंट्स और शुगर के मरीजों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। डॉ. कुमार बताते हैं कि सांस और बीपी के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। जितने मरीज आ रहे हैं, उनमें लगभग 30 फीसदी बीपी और शुगर के मरीज हैं।
बदलते मौसम को लेकर डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर इन दिनों यही सलाह दे रहे हैं कि मरीज हल्का खाना खाएं और अपने आहार में बदलाव लाएं। अस्पताल में इमरजेंसी 24 घंटे चालू है। ठंड से बचाव के लिए वार्ड में हीटर लगाए गए हैं, और कंबलों की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा, तीमारदारों के लिए रैन बसेरे भी बनाए गए हैं।