वंदे भारत एक्सप्रेस में गर्भवती के लिए भगवान बनीं डॉक्टर कृति, दर्द से कराह रहे यात्री को ऐसे मिली राहत
वंदे भारत में दर्द से कराह रही महिला के पति ने जब गार्ड से मदद की गुहार लगाई तो गार्ड ने चीफ कंट्रोलर को इसकी जानकारी दी और ट्रेन में लगे अनाउंसमेंट सिस्टम से यात्री की खराब तबीयत और यात्रा कर रहे डॉक्टर से सहयोग करने की अपील की. इस दौरान डॉ. कृति तुरंत गर्भवती महिला के पास पहुंचीं और जरूरी दवाएं दीं, जिससे उन्हें राहत मिली।
वंदे भारत में लखनऊ से गोरखपुर आ रही एक गर्भवती यात्री के लिए डॉक्टर कृति सिंह वरदान बन गईं। गार्ड (ट्रेन मैनेजर) की अपील पर डॉक्टर न सिर्फ दर्द से कराह रही महिला यात्री की सीट तक पहुंचे और उसका तुरंत इलाज किया, बल्कि ट्रेन की खासियत और अपनी सेवा से लोगों को परिचित भी कराया. यात्रियों ने डॉक्टर, वंदे भारत और रेलवे स्टाफ का शुक्रिया अदा किया.
ये है पूरा मामला
बुधवार की रात करीब 10:00 बजे संख्या 15910 अवध-एक्सप्रेस में मवेशी की चपेट में आ गया. पीछे चल रही वंदे भारत भी परसा तिवारी स्टेशन पर रुक गई। इसी दौरान कोच संख्या-सी4 की सीट संख्या 30 और 31 पर अपने पति के साथ बैठी रोशनी वर्मा के पेट में अचानक तेज दर्द होने लगा. पति भागकर गार्ड रीतेश सिंह के पास गया। गार्ड ने मुख्य नियंत्रक को सूचना देने के साथ ही ट्रेन में लगे एनाउंसमेंट सिस्टम (उद्घोषणा यंत्र) से यात्री की तबीयत खराब होने की जानकारी देने और यात्रा कर रहे चिकित्सक से सहयोग करने की अपील की.
15 मिनट के अंदर महिला को दर्द से राहत मिल गई
कोच नंबर-सी1 की सीट नंबर 13 पर बैठी डॉ. कृति जैसे ही गार्ड की आवाज कानों में पड़ी, तुरंत दर्द से कराह रही महिला यात्री के पास गईं। डॉक्टर ने यात्रियों की मदद से महिला को जरूरी दवाएं उपलब्ध करायीं. 15 मिनट के अंदर महिला को दर्द से राहत मिल गई. सुबह करीब 10:30 बजे ट्रेन भी आगे के लिए रवाना हो गई। रेल प्रशासन ने बस्ती स्टेशन पर एंबुलेंस और डॉक्टर की व्यवस्था की थी, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी.
किडनी में पथरी होने से गर्भवती महिला को होने लगा दर्द!
दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. कृति ने बताया कि यात्री गर्भवती थी और उसके गुर्दे में पथरी है। दर्द के कारण उसकी हालत खराब होती जा रही थी. समय पर सही दवा दी और आराम मिला. उन्होंने इसी वर्ष मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज से पीजी की डिग्री प्राप्त की है। वह अपनी मां के साथ लखनऊ से अपनी नानी के घर गोरखपुर के नरसिंहपुर आ रही थी। उन्हें पढ़ाई के दौरान यही सेवा सिखाई गई है. गार्ड ने बताया कि वंदे भारत के सभी कोच में स्पीकर लगे हुए हैं. किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्री, लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर एक दूसरे से सीधे संवाद कर सकते हैं।