जिलाधिकारी ने कहा कि हमें भारत के संविधान पर है गर्व! अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि की अर्पित
गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार में मंगलवार को संविधान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि हमें भारत के संविधान पर गर्व है और ऐसा होना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान लोकभवन लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संविधान की उद्देशिका पाठन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी देखा गया। लाइव प्रसारण के बाद जिलाधिकारी सहित कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने के बाद जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने संविधान की उद्देशिका का पाठ किया। इसके बाद जिलाधिकारी ने उपस्थित जनों को शपथ दिलाई कि "हम सत्य और निष्ठा से प्रतिज्ञा करते हैं कि भारत के संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे। संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करेंगे। देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करेंगे। महिलाओं का सम्मान करेंगे। हिंसा से दूर रहकर बंधुता बढ़ाएंगे। सामाजिक संस्कृति का संवर्धन और पर्यावरण का संरक्षण करेंगे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करेंगे। सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करेंगे। व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों में उत्कृष्टता बढ़ाएंगे। सभी को शिक्षा के अवसर प्रदान करेंगे और स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों को बढ़ावा देंगे।"
हर प्राणी के लिए समभाव रखता है संविधान
उन्होंने कहा कि संविधान हर प्राणी के लिए समभाव रखता है। यह सभी को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय दिलाता है। सभी को अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। यह सभी को अवसर और प्रतिष्ठा में समानता देता है। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों, और जनपदवासियों को संविधान दिवस की बधाई भी दी।
उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा के सदस्यों ने एक श्रेष्ठ, स्वतंत्र, और निष्पक्ष संविधान बनाने का कार्य किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडीएम (एफआर) सौरभ भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय, एआईजी स्टाम्प पुष्पेन्द्र, एसडीएम चंद्रेश, और जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार सहित सभी अधिकारी, कर्मचारी और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का समस्त स्टाफ मौजूद रहे।