जिला प्रशासन का दावा: आरटीई के तहत दो हजार से अधिक अभिभावकों ने मनपसंद स्कूल नहीं मिलने के कारण नहीं कराया दाखिला
नेहा सिंह तोमर
गाजियाबाद। एक ओर जहां शिक्षा के अधिकार नियम के तहत अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले कराने के लिए विभाग से लेकर स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने हैरानी भरा दावा किया है। जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जिले के दो हजार से अधिक ऐसे अभिभावक हैं जिन्हें स्कूल आंवटित होने के बाद भी वह अपने बच्चों का दाखिला नहीं कराने चाहते। इसके पीछे का कारण स्कूल उनके अनुसार न होना बताया गया है। जिले में मात्र 261 बच्चों के दाखिले इस योजना में होना रह गए हैं। बुधवार को हुई प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक में जिला प्रशासन ने यह दावा किया।
विभाग के आंकडों के अनुसार, आरटीई के तहत जिले में 12 हजार 737 आवदेन आए थे जिसमें से 7526 आवेदनों को स्वीकार किया गया था। इसके अलावा लॉटरी के माध्यम से 6065 छात्रों को स्कूल आंवटित किया गया है। अब बाकी के बच्चों के दाखिले क्यों नहीं हो पाए इसके पीछे जो तर्क दिए गए वह भी चौंकाने वाले हैं। जिला प्रशास ने दावा किया कि 2484 बच्चों के अभिभावकों ने दाखिले के लिए संपर्क ही नहीं किया है। इसके पीछे अभिभावकों ने आंवटित स्कूल उनके मनमुताबिक न होना बताया है। यानी आंवटित स्कूल में वह अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते हैं। बाकी के बच्चों अपने उन निवास स्थान पर नहीं मिले, जो एड्रेस उन्होंने अपने दस्तावेज में दिया था और न ही स्कूल में अपने पूर्ण दस्तावेज जमा कराएं। इसकी वजह से अब विभाग को महज 261 बच्चों का ही दाखिला कराना है जिसे हर हाल में 15 जुलाई तक किए जाने का दावा किया गया है। अगर शिक्षा विभाग की मानें तो जिले में आरटीई में बेहतर काम हुआ है लेकिन इसके इतर लगातार अभिभावक शिक्षा विभाग से लेकर स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं। उनके बच्चों को आंवटित स्कूलों में दाखिले करा दिए जाएं।