दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर तेजी से हो रहा है तैयार,छात्रों को मिलेगा लाभ

Update: 2024-05-04 11:33 GMT

-नमो भारत ट्रेन सेवा के शुरू होने से गाजियाबाद, दुहाई और मोदी नगर जैसे क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के छात्रों के लिए आवागमन करना हुआ आसान

गाजियाबाद। संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर तेजी से तैयार हो रहा है और जल्द ही इससे छात्रों को और अधिक लाभ मिलने की संभावना है। इस कॉरिडोर के पूर्ण रूप से तैयार होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अग्रणी विश्वविद्यालयों तक पहुंच उल्लेखनीय रूप से आसान और तेज हो जाएगी।

गाजियाबाद, दुहाई और मोदी नगर जैसे क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के छात्रों के लिए नमो भारत ट्रेन सेवा एक पसंदीदा आवागमन विकल्प बन गई है। इस ट्रेन के शुरू होने से इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवागमन करना बेहद आसान हो गया है। नमो भारत ने हजारों छात्रों के समक्ष आवागमन में आने वाली चुनौतियों को कम करते हुए सुविधाजनक विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रदान की है।

साहिबाबाद और मोदीनगर नॉर्थ के बीच नमो भारत के परिचालन खंड के आसपास कई इंजीनियरिंग कॉलेज और कोचिंग संस्थान हैं, जिनमें हजारों छात्र पढ़ते हैं। इस सेक्शन में नमो भारत ट्रेनों में छात्रों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि छात्र देश की पहली नमो भारत ट्रेन को आवागमन के बेहतर विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। इससे पहले इन क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों तक पहुंचने के लिए छात्रों को ऑटोरिक्शा और बसों जैसे पारंपरिक सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करना पड़ता था।

इसके अलावा एनसीआरटीसी कॉरिडोर के आसपास वाले शैक्षणिक संस्थानों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है।

आरआरटीएस भारत में अपनी तरह की पहली रीजनल रैपिड रेल प्रणाली है, जिसकी डिजाइन गति 180 किमी/घंटा और परिचालन गति 160 किमी/घंटा है। ये इंटरैक्टिव सेशंस क्षेत्र के परिवहन परिदृश्य पर नमो भारत ट्रेनों और आरआरटीएस प्रणाली के महत्व और संभावित प्रभाव के बारे में अमूल्य छाप छोड़ते हैं।

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