ऊर्जा मंत्री के शहर में ही भ्रष्ट मिले अधिकारी, होगी कार्रवाई

जांच के लिए गठित की गई त्रिस्तरीय जांच टीम की जांच में रविप्रकाश सिंह दोषी पाए गए। इस आधार पर 13 सितंबर 2022 को उन्हें निलंबित करते हुए अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय घोसी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था...

Update: 2023-06-30 11:46 GMT

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के गृह जनपद में बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लूट-खसोट खुलकर सामने आने लगी है। पिछले वर्ष की 5.48 करोड़ रुपये की अनियमितता में निलंबित घोसी के कैशियर की बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। यही नहीं उस समय तैनात कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है। निलंबन के बाद जांच कर रहे अधीक्षण अभियंता ने अपनी रिपोर्ट मुख्य अभियंता आजमगढ़ को भेज दी है। इसे लेकर विभाग में खलबली मची हुई है।विद्युत वितरण उपखंड घोसी में कैशियर रविप्रकाश सिंह लंबे समय तक यहां तैनात रहें और राजस्व संग्रह का कार्य किया। वर्ष 2017 व 2021 के बीच कैशियर ने लोगों से बिजली बिल 05 करोड़ 45 लाख 88 हजार 267 रुपये तो वसूली, लेकिन इसे राजस्व संग्रह में जमा नहीं किया। वित्तीय अनियमितता मिलने पर विद्युत वितरण खंड तृतीय घोसी के तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने 02 सितंबर 2022 को घोसी ग्रामीण व शहरी सिस्टम पर की गई राजस्व वसूली को विभागीय बैंक खाता में जमा न करने पर कैशियर रविप्रकाश सिंह को उपस्थित होकर मुख्य राजस्व कैशियर व सहायक लेखाकार के समक्ष राजस्व संग्रह की धनराशि मिलान करने के लिए निर्देशित किया। इसके बावजूद वह उपस्थित नहीं हुए।जांच के लिए गठित की गई त्रिस्तरीय जांच टीम की जांच में रविप्रकाश सिंह दोषी पाए गए। इस आधार पर 13 सितंबर 2022 को उन्हें निलंबित करते हुए अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय घोसी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। यही नहीं राजस्व का मिलान नहीं करने पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता, सहायक अभिंयता राजस्व, खंडीय लेखाकार एवं मुख्य रोकड़िया कैशियर को भी दोषी माना गया है। इनके खिलाफ भी जांच करने का निर्देश दिया गया है। दूसरी तरफ अधीक्षण अभियंता ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य अभियंता को निलंबित कैशियर को बर्खास्त करने की रिपोर्ट मुख्य अभियंता को प्रेषित कर दी है। इसके अलावा अन्य के विरुद्ध विभागीय जांच की जा रही है। ऐसे में कई और अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। जांच पूर्ण होने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है।

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