इस सीट पर सपा के फैसले से कांग्रेस नेता हैरान, रवि वर्मा बोले- यह सूची फर्जी है
सपा ने खीरी से उत्कर्ष वर्मा और धौरहरा से आनंद भदौरिया को प्रत्याशी बनाया है। धौरहरा सीट पर सपा के फैसले से कांग्रेस को झटका लगा है। क्योंकि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सपा यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है।
लखीमपुर जिले की धौरहरा और खीरी लोकसभा सीटों से लोकसभा प्रभारी तय करने के बाद समाजवादी पार्टी ने सभी अटकलों को विराम देते हुए दोनों सीटों पर मंगलवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। सपा ने खीरी से उत्कर्ष वर्मा और धौरहरा से आनंद भदौरिया को प्रत्याशी बनाया है। उधर, कांग्रेस को झटका लगा है। पहले माना जा रहा था कि सपा धौरहरा सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है। कांग्रेस नेता रवि वर्मा ने सूची फर्जी बताई है।
सप्ताह भर पहले समाजवादी पार्टी की जिला इकाई ने लोकसभा प्रभारी नियुक्त करते हुए खीरी संसदीय सीट से उत्कर्ष वर्मा और धौरहरा सीट से आनंद भदौरिया को जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव के गठबंधन में कांग्रेस को महज 11 सीटें देने की बात कही तो जिले की सियासत में भूचाल आ गया।
गठबंधन के तहत जिले को कौन सी सीट मिलेगी इस पर दोनों दलों के जिम्मेदार आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से बचते रहे, लेकिन अखिलेश दरबार तक पहुंच रखने वाले पार्टी सूत्रों का कहना था कि समाजवादी पार्टी धौरहरा सीट कभी नहीं जीती है, इसलिए संभावना है कि यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी जाए।
धौरहरा सीट को लेकर सब चौंके
सूत्रों ने यह भी बताया कि खीरी सीट को अखिलेश यादव अपने लिए नाक का सवाल मानते हैं। इसलिए खीरी सीट पर कोई समझौता नहीं होगा। मंगलवार को सपा की तरफ से जारी लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में इसकी पुष्टि भी हुई, लेकिन धौरहरा सीट पर निर्णय चौंकाने वाला रहा।
सपा के इस निर्णय से कांग्रेस भी हतप्रभ है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव के बयान के बाद कांग्रेस और सपा के बीच 21 से 25 सीटों पर दावेदारी को लेकर रस्साकसी चल रही थी, लेकिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी की तरफ से उन्हीं सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए, जिन पर तोलमोल चल रहा था। इससे कांग्रेस भी हैरान है।
कांग्रेस बोली, आमने-सामने होगी बात
सपा के लोकसभा प्रत्याशियों के एलान के बाद कांग्रेस से भी अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल ने बताया कि घोषणा करना अलग बात है। आमने-सामने बात होगी तो हल दूसरा निकलेगा। हमें भरोसा है कि दोनों सीटें हमको मिलेंगी। कांग्रेस 21 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कहा कि 2009 में भी सपा ने कांग्रेस के खिलाफ प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन दोनों सीटें हमने जीती थीं। इस बार भी प्रत्याशी लड़ाएंगे तो जीत हासिल होगी।
रवि वर्मा ने सूची फर्जी बताई
उधर, खीरी से लोकसभा चुनाव की दावेदारी करने वाले सपा छोड़ कांग्रेस में आए रवि प्रकाश वर्मा ने बताया कि यह सूची फर्जी है। सपा के साथ हमारा गठबंधन है। बता दें कि 2019 के चुनाव में उनकी पुत्री पूर्वी वर्मा ने सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने पर उनको प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव बनाया गया है।
मजबूती से लड़ेंगे चुनाव- सपा
सपा जिलाध्यक्ष रामपाल यादव ने बताया कि दोनों लोकसभा प्रभारी को ही प्रत्याशी बनाया गया है। बताया कि कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन है। हम पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़कर भाजपा को हराएंगे।