ठंड ने काशीवासियों को कंपकंपाया, सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा शुक्रवार; विमान-ट्रेन प्रभावि

Update: 2024-01-13 07:31 GMT

पहाड़ों पर बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की वजह से शुक्रवार को पछुआ हवाओं ने लोगों को कंपा दिया। धूप दोपहर बाद हुई, लेकिन असरदार नहीं रही। इससे तापमान तेजी से लुढ़का है। अधिकतम तापमान 18.2 और न्यूनतम तापमान कम होकर 7.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। शुक्रवार को इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। शनिवार की सुबह घने कोहरे के साथ हुई। वहीं गलन भी बरकरार रही। ऐसे में लोग घरों में दुबके रहे। 

इसके पहले 19 दिसंबर 2023 को न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस था। एक दो दिन ऐसे ही मौसम रहने के आसार हैं। मकर संक्रांति के बाद ठंड और बढ़ने की संभावना है। शुक्रवार को अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से उत्तर पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। 

 सुबह कोहरा इतना घना था कि राह चलना मुश्किल था। सुबह 8 बजे तक शहर के अधिकांश इलाकों में कोहरा छाया रहा। दो पहिया, चार पहिया चलाने वाले गाड़ियों की लाइट जलाकर चलते रहे। सबसे अधिक परेशानी जीटी रोड पर गाड़ी चलाने वालों को हुई।

तारीख अधिकतम न्यूनतम

10 जनवरी 23.0 12.5 डिग्री सेल्सियस

11 जनवरी 19.2 9.5 डिग्री सेल्सियस

12 जनवरी 18.2 7.6 डिग्री सेल्सियस 

एयरपोर्ट पर दृश्यता 50 मीटर, नहीं उतर सके विमान

शुक्रवार की सुबह एयरपोर्ट पर 50 मीटर दृश्यता थी। दिन में 300-400 और फिर रात नौ बजे करीब 150 मीटर दृश्यता रहीं। बाबतपुर एयरपोर्ट पर शुक्रवार को सुबह आठ बजे पहुंचने वाला बुद्धा एयर का विमान काठमांडो से दोपहर 12 बजे पहुंचा। बेंगलुरु से अकासा का विमान सुबह 9:15 बजे के बजाय 11:30 बजे और मुंबई से इंडिगो का विमान सुबह 10 बजे के बजाय दोपहर 12 बजे एयरपोर्ट पहुंचा।

विजिबिलिटी कम होने के चलते देर शाम को भुवनेश्वर से आने वाला विमान डायवर्ट होकर रांची चला गया। इंडिगो बेंगलूरू-वाराणसी विमान को लखनऊ एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ा। स्पाइस जेट नई दिल्ली-वाराणसी विमान रात में दृश्यता कम होने के चलते दिल्ली डायवर्ट हो गया। मुंबई का विमान हवा में काफी देर तक चक्कर भी काटता रहा। 

3 दिसंबर से दस जनवरी तक 84 विमान निरस्त

तीन दिसंबर से लेकर पांच जनवरी के बीच कुल 84 विमान निरस्त हो चुके हैं। सबसे अधिक 28 दिसंबर को दृश्यता कम होने से 12 उड़ानें निरस्त थींं। तीन दिसंबर से विमानों के निरस्त होने का सिलसिला शुरू हुआ तो नए वर्ष जनवरी माह में भी जारी रहा। 

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