गोरखपुर में बोले सीएम योगी: माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए दिए जाएंगे दो करोड़, सुरक्षा पर दें विशेष ध्यान

Update: 2023-07-31 06:58 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप माध्यमिक स्कूलों के कायाकल्प के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का प्रयास है कि विद्यालय संसाधनों से परिपूर्ण और उच्च शैक्षिक गुणवत्ता वाले हों। इसके दृष्टिगत माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प, मरम्मत एवं विकास हेतु अलंकार योजना में अच्छे प्रोजेक्ट देने वाले विद्यालयों को दो करोड़ रुपये तक की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी।रविवार की शाम एनेक्सी भवन सभागार में इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अलंकार योजना के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसमें प्रत्येक विद्यालय के रखरखाव एवं विकास के लिए दो करोड़ रुपये तक की सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अलंकार योजना के प्रस्तावों का परीक्षण कर शासन को उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ने स्कूलों के आसपास सुरक्षा का माहौल तैयार करने का निर्देश दिया. कहा कि बालिका विद्यालयों के आसपास लगातार सुरक्षा होनी चाहिए और इसकी निगरानी भी की जानी चाहिए। स्कूलों को सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित किया जाए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिया कि कक्षा नौ के जो बच्चे किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें उनके अभिभावकों से मिलवाकर वापस लाया जाए।बैठक में सीएम योगी ने जिले के इंटर कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी ली. उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि जनपद के सभी इण्टर कालेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला अनिवार्य रूप से आयोजित की जाये। कार्यशाला में सभी प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार महाविद्यालयों को व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण से जोड़ने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शौचालय, पेयजल, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी की व्यवस्था करने के साथ ही उन्हें डिजिटल लाइब्रेरी से भी जोड़ा जाये. स्कूलों में पुराने छात्रों के अनुभव का भी लाभ लिया जाना चाहिए। छात्र-छात्राओं को खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति भी जागरूक किया जाये। राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनाया जाए तथा प्रार्थना सभा से पूर्व महापुरुषों के बारे में जानकारी दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के महाविद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाओं को अद्यतन किया जाना चाहिए। छात्रों को वृक्षारोपण का महत्व समझाकर विभिन्न प्रकार के उद्यान विकसित किये जाने चाहिए।बैठक में सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, प्रशासन, पुलिस व शिक्षा विभाग के अधिकारी, माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य मौजूद रहे।

मैनेजमेंट स्कूलों ने 25 फीसदी खाली जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल की इजाजत दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में आवश्यक संसाधन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने प्रबंधन विद्यालयों को खाली पड़ी भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति दी है. इससे होने वाली आय का उपयोग स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में ही करना होगा. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि स्कूलों की लंबित मान्यता पत्रावलियों का निस्तारण 15 दिन में किया जाए। जिन स्कूलों में शिक्षक कम हैं, वहां शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाए।

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