पीलीभीत में तस्वीर साफ... चुनावी मैदान में जितिन, भगवत सरन और फूलबाबू समेत 10 उम्मीदवार
पीलीभीत में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है। नाम वापसी के दिन किसी दावेदार ने भी चुनावी मैदान नहीं छोड़ा। पीलीभीत सीट पर कुल 10 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। 19 अप्रैल को मतदान होगा।
पीलीभीत लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच के दौरान तीन प्रमुख दलों समेत सभी 10 उम्मीदवारों के पर्चे वैध पाए गए। शनिवार को नाम वापसी के दिन किसी ने भी चुनावी मैदान नहीं छोड़ा। इससे अब सभी 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। सभी को चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए गए हैं।
जिले में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होना है। इसके लिए प्रक्रिया जारी है। चुनाव के लिए 16 लोगों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन पत्रों के जमा होने के बाद 28 मार्च को जांच हुई थी। जांच में छह लोगों के पर्चा में खामियां होने पर निरस्त कर दिया गया। इसके बाद 10 लोग ही रह गए थे।
माना जा रहा था शनिवार को नाम वापसी में कुछ लोग मैदान छोड़ सकते हैं। ऐसा नहीं हुआ। किसी ने भी अपना नाम वापस नहीं लिया। इससे चुनाव के मैदान में सभी 10 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे है। बता दें कि वर्ष 2019 में 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद सभी को चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए गए हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ऋतु पूनिया ने बताया दस उम्मीदवार मैदान में है। किसी ने भी नाम वापस नहीं लिया है।
भाजपा से जितिन प्रसाद
वर्ष 2021 में भाजपा से जुड़ने वाले जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। पूर्व में केंद्र सरकार में कई विभागों में मंत्री रह चुके है। जितिन प्रसाद ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान से एमबीए किया है। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं। जितिन प्रसाद ने सन 2004 में शाहजहांपुर से आम चुनाव लड़ा और जीते, सन 2009 में धौरहरा से सांसद बने और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी बने। 2014 व 2019 में हार का सामना किया। सन 2017 में तिलहर विधानसभा से हार गए। अब वर्ष 2024 में पीलीभीत से लोकसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं।
सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार
इंटर तक शिक्षा प्राप्त भगवत सरन गंगवार सपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। नवाबगंज के गांव अहमदाबाद के रहने वाले भगवत सरन सन 1991 और 1993 में भाजपा के टिकट पर बरेली के नवाबगंज सीट से विधायक बने थे। सन 1996 के चुनाव में हारने के बाद सन 2002 में सपा में शामिल हो गए। सपा के टिकट पर वर्ष 2002, 2007, 2012 में लगातार तीन बार विधायक बने। सपा सरकार में भगवत सरन को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री भी बनाया गया। सन 2009 में बरेली सीट से आम चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
बसपा प्रत्याशी अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू
बीसलपुर के मोहल्ला हबीबुल्ला खां जैनुबी के रहने वाले बसपा उम्मीदवार अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू को राजनीतिक विरासत में मिली। स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने वाले फूल बाबू ने राजनीति की शुरुआत यूथ कांग्रेस से की। 1989 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली। हालांकि 1990 में बसपा में शामिल हो गए। वर्ष 1991, 1993 में बसपा से टिकट मिला। कामयाबी नहीं मिली। वर्ष 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद वर्ष 2002 और 2007 में भी चुनाव जीते और विधायक बने। इस दौरान उनको तीन बार मंत्री बनने का मौका भी मिला। इस बार बसपा के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
ये भी मैदान में
राजीव कुमार सक्सेना (भारतीय कृषक दल)- गन्ना किसान
संजय कुमार भारती (राष्ट्रीय समाज दल आर)- अंगूठी
आदर्श कुमार पांडेय (निर्दलीय)- बल्लेबाज
आशीष कुमार (निर्दलीय)- कैंची
प्रमोद पटेल (निर्दलीय)- कटहल
मोहम्मद शाहिद हुसैन (निर्दलीय)- बैटरी टार्च
सुशील कुमार शुक्ला (निर्दलीय)- भाला फेंक