सीजेआई चंद्रचूड़ की जजों को सलाह: सुविधाएं आपका विशेषाधिकार नहीं, जीएम एनसीआर को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

Update: 2023-07-21 08:08 GMT

हाल ही में ट्रेन यात्रा के दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस को हुई असुविधा पर प्रोटोकॉल प्रभारी की ओर से रेलवे को लिखे गए पत्र पर सीजेआई जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कड़ी फटकार लगाई है. उन्होंने देश के सभी न्यायाधीशों से कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा आपका विशेषाधिकार नहीं है। सीजेआई ने कहा है कि सुविधाओं का इस्तेमाल इस तरह किया जाए कि दूसरों को परेशानी न उठानी पड़े.देश के सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को लिखे पत्र में सीजेआई ने उनसे अपने साथी न्यायाधीशों के साथ आत्ममंथन करने को कहा है कि न्यायाधीशों को मिलने वाली प्रोटोकॉल सुविधाओं का उपयोग इस तरह किया जाना चाहिए कि न तो दूसरों को असुविधा हो और न ही न्यायपालिका को सार्वजनिक आलोचना का सामना करना पड़े. सीजेआई ने यह भी कहा है कि प्रोटोकॉल प्रभारी की ओर से लिखा गया पत्र न्यायपालिका के अंदर और बाहर बेचैनी पैदा करने वाला है. हाई कोर्ट के किसी भी अधिकारी को रेलकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने का कोई अनुशासनात्मक अधिकार क्षेत्र नहीं है.

सीजेआई ने नाराजगी जताई

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा के दौरान हाई कोर्ट के एक जज को पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा था. जिस पर हाईकोर्ट के प्रोटोकॉल प्रभारी ने पत्र लिखकर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को संबंधित रेलकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने और नाराज न्यायमूर्ति के सामने पेश करने का निर्देश दिया था. यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही सुर्खियों में है।मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने इसे गंभीरता से लिया है और सख्त टिप्पणी की है कि न्यायाधीशों को अधिकार के तौर पर प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा का दावा नहीं करना चाहिए। सीजेआई ने यह भी कहा है कि सुविधाओं का इस्तेमाल इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए कि आम जनता का न्यायपालिका और जज से विश्वास उठने लगे.|

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